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गिरफ्तार होने से 24 घंटे पहले विक्रमसिंघे ने Sputnik को दिया साक्षात्कार

© SputnikSputnik spoke to former Sri Lankan President Ranil Wickremesinghe less than 24 hours before he was arrested, according to local media.
Sputnik spoke to former Sri Lankan President Ranil Wickremesinghe less than 24 hours before he was arrested, according to local media.  - Sputnik भारत, 1920, 22.08.2025
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शुक्रवार को हुई उनकी गिरफ्तारी 2023 में क्यूबा में जी-77 शिखर सम्मेलन से लौटते समय विक्रमसिंघे के ब्रिटेन में ठहरने से संबंधित है।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को धन के कथित दुरुपयोग के सिलसिले में गिरफ्तार होने से 24 घंटे से भी कम समय पहले Sputnik ने विक्रमसिंघे का साक्षात्कार लिया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि यह आरोप राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उनकी विदेश यात्राओं से जुड़ा है। विक्रमसिंघे 2022 से 2024 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे। उन्हें द्वीप राष्ट्र को आर्थिक सुधार की राह पर वापस लाने में मदद करने का व्यापक श्रेय दिया जाता है।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने Sputnik से बात करते हुए पिछले एक दशक में दक्षिण पूर्व एशिया के जबरदस्त आर्थिक विकास के साथ साथ इस क्षेत्र में बढ़ती भू-राजनीतिक और आंतरिक अशांति के बारे में बात करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा अवसर आर्थिक विकास है, और यहाँ खासकर भारत और बांग्लादेश काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

रानिल विक्रमसिंघे ने Sputnik को कहा, "भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है वहीं बांग्लादेश अच्छा प्रदर्शन कर रहा है लेकिन अन्य देशों का प्रदर्शन ऐसा नहीं है। हम दुनिया के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हिंद महासागर के मध्य में स्थित एक उप-क्षेत्र, बन रहे हैं। हमारी रणनीतिक स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि ट्रंप का टैरिफ इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को खासकर भारत को प्रभावित कर रहा है।"

अमेरिकी टैरिफों का इस क्षेत्र के देशों पर पड़ने वाले असर पर बात करते हुए श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति कहते हैं कि देश पर अमेरिकी निर्यात का असर पड़ेगा, वहीं भारत के मामले में, उनका निर्यात का एक हिस्सा और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) टैरिफ से प्रभावित नहीं होता। लेकिन फिर भी, कपड़े और कुछ अन्य उद्योगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जो बड़े पैमाने पर रोजगार देने वाले उद्योग हैं।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "जहाँ तक भारत का सवाल है, नुकसान होगा। हमारे लिए भी, यह उन बाजारों में से एक रहा है जहां कमाई के मामले में हमारे पास अधिशेष है। एशिया, जिसमें भारत, चीन और जापान शामिल हैं, के साथ हमारा ज्यादातर व्यापार घाटे में है। लेकिन जहाँ तक अमेरिका और यूरोपीय संघ का सवाल है, हम अधिशेष में हैं। तो यह निश्चित रूप से, हमें नुकसान पहुंचा सकता है। बांग्लादेश के लिए भी यह ऐसा ही या उससे भी बड़ा मुद्दा है।"
उन्होंने आगे बताया कि श्रीलंका अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा हैं, लेकिन यह मुश्किल है। और भारत के लिए, यह बहुत ही कठिन है क्योंकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से जोड़ दिया है। अब, भारत उस व्यवस्था से अलग नहीं हो सकता। भारत का विकास उस तेल पर निर्भर करता है जो वे भारतीय मुद्रा का उपयोग करके रूस से खरीद सकते हैं।
दक्षिण पूर्व एशिया के सामने आने वाली कुछ चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने भारत और चीन के बीच कठिन संबंधों का उल्लेख करते हुए वह कहते हैं कि पिछले साल से ही दोनों देशों के बीच मेल-मिलाप शुरू हो गया है, जब हमने चीन और भारत के बीच संबंधों में ज्यादा सकारात्मक पहलू देखा है। चीन और भारत एशिया के दो दिग्गज देश हैं,इसलिए इन दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।

श्रीलंकाई पूर्व राष्ट्रपति ने कहते हैं, "प्रधानमंत्री मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में जाएँगे। शंघाई ने उन्हें एक-दूसरे के साथ काम करने का एक मंच दिया। अब वे उस पर काम कर रहे हैं, और यह जरूरी है। चीन, भारत को, बाकी एशिया को साथ मिलकर काम करना होगा, ताकि एक गैर-पश्चिमी समूह बने जो राष्ट्रपति ट्रम्प के टैरिफ जैसी परिस्थितियों का सामना कर सके। और दोनों पक्षों ने इसे समझ लिया है, लेकिन कुल मिलाकर मैं दक्षिण एशिया को लेकर आशान्वित हूँ।"
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने के अनुभव पर बात करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि वह एक अच्छे नेता हैं। मैं उन्हें मुख्यमंत्री के समय से जानता हूँ, भारत को नए युग की ओर ले जाने के लिए आपको इसकी ज़रूरत है।

वह कहते हैं, "पिछले तीन कार्यकालों से प्रधानमंत्री मोदी के रूप में, उन्होंने एक तरह से अपनी छाप छोड़ी है, लेकिन यह एक आधुनिक भारत की छाप भी है और वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं। यही कारण है कि भारत आगे बढ़ रहा है। तो यह एक अच्छा रिश्ता है। मेरे उनके साथ अच्छे संबंध हैं। मैं उनसे बात कर सकता हूँ। हम बहुत दोस्ताना हैं।"
2022 से रूस और श्रीलंका के बीच सहयोग में बढ़ोतरी के साथ साथ मास्को और कोलंबो के संबंधों की वर्तमान स्थिति पर बात करते हुए श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे कहते हैं कि श्रीलंका रूस के साथ और ज्यादा व्यापार होते देखना चाहेंगे। हमने रूसी पर्यटकों को श्रीलंका आते देखा है और खासकर वे 2022, 2023 में आए थे जब हम अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुज़र रहे थे। हम इसके लिए आभारी हैं।
उन्होंने कहा, "रूस हमारी चाय खरीदता है। लेकिन इसमें और भी गुंजाइश है। हुआ ये है कि यूरोप द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते रूसी व्यापार हिंद महासागर में आ गया है, ज्यादातर व्यापार यहीं स्थानांतरित हो गया है। हालांकि प्रतिबंधों ने रूसी व्यापार के स्वरूप को बदल दिया है, और मुझे लगता है कि भविष्य में प्रतिबंध हटने के बाद भी इस क्षेत्र के साथ व्यापार बढ़ेगा।"
विक्रमसिंघे ने कहा, "रूस और श्रीलंका के बीच सहयोग के प्रबल संभावित क्षेत्रों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने रूस से अपनी ख़रीद भी बढ़ा दी है। हमें रूस से खरीदने का एक कार्यक्रम तय करना होगा और उस पर काम करना होगा, क्योंकि पिछले दो सालों से... हमारे आर्थिक संकट के कारण, दूसरे देशों के साथ हमारा व्यापार सीमित रहा है। रूस सभी बेशक खनिजों और कुछ विनिर्माण क्षेत्रों में बहुत समृद्ध हैं, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी होंगे जहां हमने संयुक्त रूप से काम नहीं किया है।"
Sputnik न्यूज़ के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं कि Sputnik अच्छा काम कर रहा हैं क्योंकि, पश्चिमी मीडिया पूर्वाग्रह बहुत ज्यादा प्रभावित है जैसा कि हमने अपनी समस्याओं के दौरान पाया। इसलिए यह जरूरी है कि, हमारे सभी देश, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय स्तर पर भी मजबूत संबंध विकसित करें।
अंत में विक्रमसिंघे ने जोर देकर कहा, "Sputnik समाचार एजेंसी न केवल रूस बल्कि अन्य क्षेत्रों तक हमारी खबरें पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। श्रीलंका में बहुत नई चीज़ें विकसित होंगी, आप हमें आर्थिक और सामाजिक रूप से हमारे कामों के बारे में ज़्यादा जानकारी दे सकते हैं, और रूसियों को श्रीलंका की बेहतर समझ दे सकते हैं।"
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