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ट्रम्प के व्यापार सलाहकार ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत की आलोचना की
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भारत को टैरिफ का "महाराज" बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने नई दिल्ली पर रूसी तेल का आयात जारी रखकर कथित तौर पर"मुनाफाखोरी योजना" चलाने का आरोप लगाया।
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व्हाइट हाउस के बाहर संवाददाताओं ने जब नवारो से भारत पर 27 अगस्त से लागू होने वाले 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं देख रहा हूं कि ऐसा हो रहा है।"अमेरिका के इस आक्रामक रुख का ताजा संकेत भारत द्वारा रूसी तेल खरीदना जारी रखने के संकेत के बाद आया है। 50 प्रतिशत की भारी टैरिफ से स्तब्ध भारत सरकार ने रूस के साथ अपनी दीर्घकालिक मित्रता दोहराई है तथा हाल के दिनों में चीन के साथ तनाव कम करने के लिए कदम उठाए हैं।अपनी मास्को यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों की अमेरिकी अधिकारियों की आलोचना का जवाब दिया और कहा कि भारत सरकार अमेरिकी धमकियों से "परेशान" है, क्योंकि वाशिंगटन ने स्वयं नई दिल्ली से रूसी तेल खरीदकर वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में मदद करने के लिए कहा था।
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ट्रम्प के व्यापार सलाहकार, रूसी तेल की खरीद, भारत की आलोचना, भारत को टैरिफ का महाराज, डॉनल्ड ट्रम्प, रूसी तेल का आयात, मुनाफाखोरी योजना का आरोप, भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ, यूक्रेन पर आक्रमण, तेल की ज़रूरत, विश्व ऊर्जा बाजार
ट्रम्प के व्यापार सलाहकार, रूसी तेल की खरीद, भारत की आलोचना, भारत को टैरिफ का महाराज, डॉनल्ड ट्रम्प, रूसी तेल का आयात, मुनाफाखोरी योजना का आरोप, भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ, यूक्रेन पर आक्रमण, तेल की ज़रूरत, विश्व ऊर्जा बाजार
ट्रम्प के व्यापार सलाहकार ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत की आलोचना की
10:48 22.08.2025 (अपडेटेड: 10:59 22.08.2025) भारत को टैरिफ का "महाराज" बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने नई दिल्ली पर रूसी तेल का आयात जारी रखकर "मुनाफाखोरी योजना" चलाने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत का दंडात्मक टैरिफ अगले सप्ताह से लागू हो जाएगा।
व्हाइट हाउस के बाहर संवाददाताओं ने जब नवारो से भारत पर 27 अगस्त से लागू होने वाले 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं देख रहा हूं कि ऐसा हो रहा है।"
नवारो ने कहा, "फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण से पहले, भारत ने वास्तविक रूप से कोई रूसी तेल नहीं खरीदा था... यह उनकी आवश्यकता का लगभग एक प्रतिशत था। अब यह प्रतिशत बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है... उन्हें तेल की ज़रूरत नहीं है। यह एक रिफाइनिंग लाभ-साझाकरण योजना है। यह क्रेमलिन के लिए एक लॉन्ड्रोमैट है। यही इसकी सच्चाई है।"
अमेरिका के इस आक्रामक रुख का ताजा संकेत भारत द्वारा रूसी तेल खरीदना जारी रखने के संकेत के बाद आया है। 50 प्रतिशत की भारी टैरिफ से स्तब्ध भारत सरकार ने रूस के साथ अपनी
दीर्घकालिक मित्रता दोहराई है तथा हाल के दिनों में चीन के साथ तनाव कम करने के लिए कदम उठाए हैं।
अपनी मास्को यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों की अमेरिकी अधिकारियों की आलोचना का जवाब दिया और कहा कि भारत सरकार अमेरिकी धमकियों से "परेशान" है, क्योंकि वाशिंगटन ने स्वयं नई दिल्ली से रूसी तेल खरीदकर
वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में मदद करने के लिए कहा था।
जयशंकर ने कहा, "हम एक ऐसा देश हैं, जहां वास्तव में, अमेरिकियों ने पिछले कुछ वर्षों से कहा है कि हमें विश्व ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने के लिए सब कुछ करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है।"