इस मामले से परिचित अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से अमेरिकी मीडिया ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि यूक्रेन की एक विशेष सैन्य या खुफिया इकाई ने वह हमला किया था, लेकिन जांचकर्ताओं को यह ज्ञात नहीं है कि किस इकाई ने वह किया था।
अमेरिकी सूत्रों ने यह भी कहा कि उनको वह ज्ञात नहीं है कि क्या यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की इस हमले के बारे में जानते थे या नहीं, यद्यपि कुछ अधिकारियों का मानना है कि वे नहीं जानते थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस हमले में सम्मिलित पक्षों को दिखाने वाले विशिष्ट सबूतों की अभाव के कारण अमेरिकी अधिकारियों का विश्वास "कम" है कि हमले के पीछे यूक्रेन था। इस में यह भी कहा गया कि यह हमला ऐसे यूक्रेनी हमलों में से एक था जिसने अमेरिकी अधिकारियों को भी चिंतित कर दिया था।
इस महीने के प्रारंभ में विस्फोटक उपकरणों वाले दो ड्रोनों ने क्रेमलिन पर हमला करने का प्रयास किया था, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आवास है। रूस ने इस घटना को यूक्रेन द्वारा आतंकवादी आक्रमण का प्रयास कहा था।
इस मामले को लेकर रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने टिप्पणी की "यूक्रेन ने कानूनी तौर पर ही नहीं, वास्तविक तौर पर भी खुद को आतंकवाद के राज्य-प्रायोजकों के बीच रख दिया।"
उस समय विभिन्न विश्लेषकों ने इस घटना पर विचार किया, और CIA के पूर्व अधिकारी लैरी जॉनसन ने कहा कि इस घटना ने एक बार और दिखाया है कि वाशिंगटन का यूक्रेनी नीति पर नियंत्रण घट रहा है।