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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जीवन के बारे में जानें

व्लादिमीर पुतिन एक जासूस, नेता और देश के राष्ट्रपति हैं और वे अपने करिश्माई व्यक्तित्व के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। रूस के राष्ट्रपति और दुनिया के चंद शक्तिशाली नेताओं में से एक पुतिन जूडो में ब्लैक बेल्ट हैं और उन्होंने यह उपलब्धि 18 वर्ष की उम्र में ही हासिल कर ली थी।
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70 साल के राष्ट्रपति पुतिन की शख्सियत यूक्रेन संकट के दौरान और मजबूत हुई है। वे हमेशा नई चीजें सीखने पर जोर देते रहे हैं। मार्शल आर्ट के बारे में उनका मानना है कि मार्शल आर्ट एक ऐसा ज्ञान, क्षमताएं और कौशल सिखाता है जिसकी हर राजनेता को जरूरत होती है।
व्लादिमीर पुतिन की लीडरशिप में रूस ने अपने विशेष सैन्य अभियान के दौरान अभी तक यूक्रेन पर बढ़त बनाई हुई है। अमेरिका और यूरोप से मदद मिलने के बावजूद इस युद्ध में यूक्रेन रूस से कहीं पीछे रह गया है।

शुरुआती जीवन

व्लादिमीर स्पिरिडोनोविच पुतिन और मारिया इवानोव्ना पुतिना के लेनिनग्राड (सेंट पीटर्सबर्ग) स्थित घर में 7 अक्टूबर 1952 को पुतिन का जन्म हुआ था। बताया जाता है कि व्लादिमीर पुतिन के दादा स्पिरिडॉन पुतिन व्लादिमीर लेनिन और जोसेफ स्टालिन के निजी शेफ हुआ करते थे। पुतिन के पिता ने द्वितीय विश्व युद्ध में भी भाग लिया था। 1950 के दशक में, उन्होंने एक सुरक्षा गार्ड के रूप में और बाद में कैरिज वर्क्स में एक फोरमैन के रूप में काम किया था। पुतिन तीन बच्चों में से सबसे छोटे थे।
राष्ट्रपति पुतिन ने एक इंटरव्यू में याद करते हुए अपने जीवन के बारे में बताया था कि वे एक साधारण परिवार से आते हैं, और उन्होंने लंबे समय तक लगभग अपना पूरा जीवन इसी तरह जिया।
"मैं एक औसत, सामान्य व्यक्ति के रूप में रहा और मैंने हमेशा उस संबंध को बनाए रखा है। हम सादगी से रहते थे और गोभी का सूप, कटलेट, पैनकेक खाते थे लेकिन रविवार और छुट्टियों पर मेरी माँ गोभी, मांस और चावल, और दही टार्ट [वत्रुस्की] के साथ बहुत स्वादिष्ट भरवां बन्स [पिरोज्की] बनाती थीं," पुतिन ने कहा। 
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व्लादिमीर पुतिन की शादी ल्यूडमिला श्रेबनेवा से हुई जो घरेलू एयरलाइंस में फ्लाइट अटेंडेंट के रूप में काम करती थीं। उनसे उन्हें दो बेटियां मारिया और कतेरीना हुईं।

राष्ट्रपति पुतिन की शिक्षा

राष्ट्रपति पुतिन ने अपने शुरुआती दिनों में साल 1960 से लेकर 1968 तक लेनिनग्राड के प्राइमरी स्कूल नंबर 193 में शिक्षा ग्रहण की और आठवीं कक्षा के बाद हाई स्कूल की शिक्षा रसायन विज्ञान पर केंद्रित एक मैग्नेनंबर स्कूल से ली जहाँ उन्होंने 1970 तक पढ़ाई की। 1970 में, व्लादिमीर पुतिन लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी में कानून विभाग के छात्र बन गए और उन्होंने 1975 में अपनी स्नातक की डिग्री हासिल की और उसी वर्ष उन्होंने सोवियत संघ (रूस) की सबसे खतरनाक जासूसी एजेंसी KGB जॉइन की।
“हाई स्कूल ख़त्म करने से पहले ही, मैं इंटेलिजेंस में काम करना चाहता था। माना, इसके तुरंत बाद, मैंने फैसला किया कि मैं एक नाविक बनना चाहता हूं, लेकिन फिर मैं फिर से खुफिया कार्य करना चाहता था। शुरुआत में, मैं एक पायलट बनना चाहता था," व्लादिमीर पुतिन याद करते हैं।

KGB से प्रधानमंत्री तक का सफर

उन्होंने 1975 से लेकर अगले 15 सालों तक KGB में अपनी किया, इन 15 सालों में से 6 साल उन्होंने पूर्वी जर्मनी में बिताये। 1990 तक वे लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंच चुके थे और इसी दौरान वे KGB सेवा से सेवानिवृत्त हुए और रूस वापस आ गए जहां आने के बाद वे लेनिनग्राड स्टेट यूनिवर्सिटी के संरक्षक बन गए।
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इसके बाद वे सेंट पीटर्सबर्ग के मेयर सोबचाक के सलाहकार बने, पुतिन हमेशा काम पूरा करने की अपनी क्षमताओं के लिए जाने जाते थे। 1994 में वे क्षेत्र के पहले डिप्टी मेयर बने। साल 1996 में वे मॉस्को आ गए और यहां आकार उन्होंने क्रेमलिन के मुख्य प्रशासक पावेल बोरोडिन के डिप्टी के रूप में काम किया।
राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन द्वारा जुलाई 1998 में पुतिन को संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) का निदेशक बनाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसके बाद वे सुरक्षा परिषद के सचिव बने। एक साल बाद 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति येल्तसिन ने पुतिन को रूस का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया।

प्रधानमंत्री से रूस के राष्ट्रपति तक का सफर

राष्ट्रपति पुतिन के लिए सबसे बड़ा मौका तब आया जब तत्कालीन राष्ट्रपति येल्तसिन की तबीयत अचानक खराब हो गई और उन्होंने 31 दिसंबर 1999 को सेवानिवृत्त होने की घोषणा कर दी, जिसके बाद पुतिन को रूस का अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किए जाने के बाद, पुतिन ने साल 2000 में हुए चुनाव में लगभग 53% मत हासिल कर चुनाव जीत लिया।
राष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करके एक दृढ़ता से विनियमित बाजार अर्थव्यवस्था बनाने की मांग की। साल 2000 से 2008 तक के अपने दो कार्यकालों में रूस के 89 राज्यों और क्षेत्रों की कमान पुनः हासिल की जिन्हें उन्होंने सात प्रस्तावित संघीय जिलों में अलग कर दिया और इन सभी विभाजित क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति पुतिन द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि द्वारा किया गया।

प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन (2008-2012) से राष्ट्रपति पुतिन (2012-2018) तक

दिमित्री मेदवेदेव ने साल 2008 में राष्ट्रपति चुनाव जीतकर पुतिन को यूनाइटेड रशिया पार्टी में अग्रणी व्यक्ति नामित कर दिया लेकिन पद संभालने के कुछ ही घंटों में मेदवेदेव ने पुतिन को प्रधानमंत्री बना दिया।
इस बड़े घटनाक्रम के तीन साल बाद तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने 2011 में सार्वजनिक रूप से पुतिन की 2012 में राष्ट्रपति पद के लिए लड़ने की सिफारिश की और पुतिन द्वारा इस प्रस्ताव को मान लेने के बाद उन्हें मार्च 2012 में रूस के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया जो उनका तीसरा कार्यकाल था।
इस के बाद उन्होंने यूनाइटेड रशिया के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया और बाद में मेदवेदेव ने पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला। राष्ट्रपति पुतिन ने पद पर तीसरी बार आसीन होने के बाद मेदवेदेव को देश के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया। राष्ट्रपति पुतिन के इसी कार्यकाल में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के एक पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने NSA द्वारा चलाए जा रहे अनाधिकरत कार्यक्रमों का खुलासा कर दिया और उस के बाद उनहोंने रूस में सुरक्षा की मांग की, जिसके बाद रूस अमेरिका संबंधों में खटास आ गई।
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2018 से लेकर अभी तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

पुतिन जब 2018 में राष्ट्रपति के पद के लिए लड़े तो उन्होंने 76% से अधिक वोट हासिल किए जिसके बाद उनके चौथे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया और उन्होंने 7 मई 2018 को रूस के राष्ट्रपति के तौर पर अपना काम शुरू किया। वे 2024 तक अपने पद पर बने रहेंगे।
2018 में वे पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे 2024 में राष्ट्रपति पद के लिय नहीं लड़ेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने कार्यकालों के दौरान अपने प्रभुत्व को मजबूत करते हुए रूस की एक विश्वव्यापी ताकत के रूप में छवि पेश की।
पुतिन के चौथे कार्यकाल के दौरान, 24 फरवरी, 2022 को रूस ने यूक्रेन पर अपना विशेष सैन्य अभियान शुरू किया।
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