तालिबान प्रशासन ने इस्लामाबाद से मीडिया में "अनावश्यक दावे" करने के बजाय काबुल को अपनी चिंताओं से अवगत कराने का आग्रह किया।
"हम अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति के बारे में पाकिस्तान के अधिकारियों के आरोपों से इनकार करते हैं और उन्हें निराधार बताते हैं। इस्लामिक अमीरात किसी को भी अफगानिस्तान के क्षेत्र को दूसरे देश के खिलाफ इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देता है," तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा, “अगर कोई चिंता है, तो उसे मीडिया में अनावश्यक दावे करने और लोगों के दिमाग को भ्रमित करने के बजाय, इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों के साथ आमने-सामने साझा किया जाना चाहिए। जाहिर है, ऐसे दावे दोनों देशों और लोगों के हित में नहीं हैं।"
दरअसल इस्लामाबाद काबुल पर अफगानिस्तान में शरण लेने वाले प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान** (TPP) सहित पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव डाल रहा है।
बता दें कि 1 अगस्त को एक मीडिया बातचीत में, पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादियों के साथ किसी भी बातचीत को खारिज कर दिया।
“पाकिस्तान की नीति बहुत स्पष्ट है। हम न तो आतंकवादियों के साथ तुष्टिकरण चाहते हैं और न ही हमारे पास (आतंकवाद के लिए) सहिष्णुता है। हम शांति बहाल करना चाहते हैं और राज्य का अधिकार स्थापित करना चाहते हैं और इन [आतंकवादी] समूहों का मुकाबला करना चाहते हैं,'' मंत्री ने कहा।
*आतंकवाद के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत
**रूस में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह
**रूस में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह