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भारतीय वायु सेना के मुख्य लड़ाकू विमान SU-30MKI और तेजस रहेंगे: विशेषज्ञ

भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने बुधवार को कुल 2.23 लाख करोड़ रुपये की खरीदों को स्वीकृति दी। इसमें 97 लाइट कंबैट एयरक्राफ्ट तेजस मार्क 1A लड़ाकू जेट विमान और सुखोई-30 MKI युद्ध विमानों की अपग्रेडेशन सम्मिलित है।
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भारतीय रक्षा मंत्रालय (MoD) के एक बयान में इस बात का संकेत है कि अधिग्रहण का 98 प्रतिशत, जो कि 2.20 लाख करोड़ रुपए का है, घरेलू उद्योगों से होगा।
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारतीय रक्षा मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ काम करने वाले लक्ष्मण कुमार बेहरा का कहना है कि 97 एलसीए एमके 1 युद्ध विमानों को अधिग्रहण करने का निर्णय भारतीय वायु सेना की कम हो रही स्क्वाड्रन संख्या को रोकेगा।

"कल का जो निर्णय हुआ है वह स्वदेशी प्रोग्राम है और यह मेक इन इंडिया को बढ़ावा देता है। [यह] 97 LCA विमानों के प्रति भारत सरकार और भारतीय वायु सेना का आत्मविश्वास दिखाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस में उड़ान भरी थी! मुझे लगता है कि यह सही निर्णय है," लक्ष्मण कुमार बेहरा ने Sputnik India से कहा।

दरअसल, भारतीय वायुसेना एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने 83 एलसीए मार्क 1A विमानों के लिए एक समझौता किया था। इन विमानों का वितरण अगले कुछ महीनों में प्रारंभ होने वाला है।

"इस नए अधिग्रहण के साथ, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से भारतीय वायुसेना की ताकत 220 एलसीए मार्क 1A तक बढ़ जाएगी, जिससे लगभग 10 स्क्वॉड्रन्स को सुसज्जित किया जाएगा," चौधरी ने रेखांकित किया।

Indian Prime Minister Narendra Modi takes a sortie on the indigenously built light combat fighter aircraft Tejas.
पिछले कुछ वर्षों में पुराने लड़ाकू विमानों की सेवा बंद के साथ, भारतीय वायु सेना की कम हो रही स्क्वॉड्रन्स को बदलने के लिए एक आदर्श विकल्प के तौर पर तेजस को चुना गया है। भारतीय वायु सेना वर्तमान में 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन के साथ कार्यरत है।
वर्तमान में, सुखोई और राफेल युद्ध विमान भारतीय वायु सेना का मुख्य ताकत हैं।

"इसमें सुखोई का संख्या बहुत अधिक है। कल के निर्णय का घरेलू उद्योगों को अत्यंत लाभ होगा क्योंकि सारी चीजें भारतीय उद्योग करेंगे। इससे पहले भारतीय इंडस्ट्रीज़ इस चीज में पीछे रह जाती थी और अपग्रेड करने के लिए भी विदेशों के विक्रेता के पास तरफ जाना पड़ता था, आज का निर्णय भारत की घरेलू विश्वसनीयता को दिखाता है और इसी को बनाए रखने की आवश्यकता है," बेहरा ने कहा।

इसी मध्य एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ विंग कमांडर प्रफुल बक्शी (सेवानिवृत्त) की राय है कि स्वदेशी निर्मित विमानों का प्रयोग करने से भारत के लिए अच्छा निर्णय सिद्ध होगा।

"किसी भी देश के लिए सबसे अच्छी चीज होती है वह स्वदेशी सामान का प्रयोग करना है, जिससे उसकी उपलब्धता, जरूरत, और विकास सभी चीजें समय पर हो सकती हैं," प्रफुल बक्शी ने Sputnik India से कहा।

Indian Air Force three Su 30 MKI fly in a Trishul formation above the ceremonial Rajpath boulevard during India's Republic Day celebrations in New Delhi, India, Wednesday, Jan. 26, 2022.
विमानों में जहां जहां उच्च प्रदर्शन की आवश्यकता है वहाँ अपग्रेड होगा, विशेषज्ञों के अनुसार, तेजस और सुखोई जैसे विमानों का उन्नत संस्करण करने से वायु सेना के लिए बहुत अच्छी बात होगी। भारत तेजस बना रहा है और सुखोई को भी रूस के साथ मिलकर भारत में बनाने की आवश्यकता है।

"SU-30MKI उच्च तकनीक का विमान और तेजस मध्यम तकनीक की रेंज में है। अगर भारत के लिए सुखोई-30MKI और तेजस 70/30 के अनुपात में काम करेंगे तो बहुत अच्छा होगा। भारत के पास राफेल भी है पर हमारी वायु सेना के मुख्य लड़ाकू विमान SU-30MKI और तेजस रहेंगे। राफेल अभी पीछे है और वह दूसरे ग्रैड में आएगा," बक्शी जोर देकर कहते हैं।

वायुसेना प्रमुख ने मीडिया के साथ पहले की गई एक बातचीत में इशारा किया था कि 84 सुखोई-30 MKI युद्ध विमानों को Rs 60,000 करोड़ में अपग्रेड करने की योजना है। रेपोर्टों के अनुसार, HAL, भारतीय वायुसेना और अन्य साझेदारों के सहयोग से अपग्रेड करेगी, जिसमें एयरफ्रेम और इंजन का संशोधन सम्मिलित नहीं है।
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