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आईएनएस 'इम्फाल' कौन से हथियारों से लैस है?
आईएनएस 'इम्फाल' कौन से हथियारों से लैस है?
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MDL में बनाए जा रहे चार प्रोजेक्ट 15 बी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर्स में से तीसरे, यार्ड 12706 (इम्फाल) के क्रेस्ट (एक अनोखा प्रतीक है जिसे युद्धपोत प्रदर्शित करता है) का अनावरण 28 नवंबर 23 को नई दिल्ली में किया जाएगा।
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अप्रैल 2019 में लॉन्च करते समय इसका नाम इम्फाल रखा गया था। MDL ने इसे प्री-कमीशनिंग के परीक्षण के लिए 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया था। अपने परीक्षण के दौरान इस नेवल डेस्ट्रॉयर से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करके क्रेस्ट के अनावरण की जानकारी साझा की। क्रेस्ट के अनावरण के समय भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद होंगे। सभी परीक्षणों के बाद इसे 23 दिसंबर को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।भारत सरकार ने नौसेना को ताकत देने के लिए साल 2013 में प्रोजेक्ट 15B की शुरुआत की थी। इस सीरीज में आईएनएस विशाखापत्तनम नाम का पहला डिस्ट्रॉयर साल 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।आईएनएस मोरमुगाओ इस प्रोजेक्ट की दूसरी शिप थी, जिसे साल 2022 में नौसेना में शामिल किया गया। अब इस साल दिसंबर में विध्वंसक इम्फाल के शामिल होने के बाद अगले साल चौथे और आखिरी ‘सूरत’ को नौसेना में शामिल किया जाएगा। क्या है इम्फाल? दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों में से एक इम्फाल भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के शहर के नाम पर रखा जाने वाला युद्धपोत है, इसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी गई थी। इम्फाल देश का पहला युद्धपोत है जिसे महिला अधिकारियों और नाविकों के रहने की व्यवस्था के चालू किया जा रहा है। जहाज में 312 व्यक्तियों का दल रह सकता है, इसकी क्षमता 4000 समुद्री मील की है और यह जहाज क्षेत्र से बाहर विस्तारित मिशन समय के साथ सामान्य 42 दिनों के मिशन को अंजाम दे सकता है। अगर इसकी रफ्तार की बात करें तो यह अधिकतम 30 नॉटिकल मील की रफ्तार से चल सकता है। कौन से हथियारों से लैस है इम्फाल? रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इम्फाल में लगभग 75% की उच्च स्वदेशी सामग्रियां हैं, जिनमें एमआर एसएएम, ब्रह्मोस एसएसएम, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी एसआरजीएम शामिल हैं। इसके अलावा, इस जहाज में एंटी सरफेस वॉरफेयर के लिए ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम भी लगा हुआ है, जिसकी मदद से भारत और रूस के सहयोग से बनी ब्रह्मोस मिसाइलें फायर की जा सकती हैं। हाल ही में एक नई जानकारी के मुताबिक इसमें दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने के लिए लॉन्च किये जाने वाले प्रोजेक्ट और टॉरपिडो लॉन्चर भी मौजूद हैं।
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आईएनएस 'इम्फाल' कौन से हथियारों से लैस है?
17:43 27.11.2023 (अपडेटेड: 17:53 27.11.2023) यार्ड 12706 (इम्फाल) के क्रेस्ट (एक अनोखा प्रतीक है जिसे युद्धपोत प्रदर्शित करता है) का अनावरण 28 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में किया जाएगा। Sputnik India आज आपको इस युद्धपोत की तकनीक और इसकी विशेषताओं के बारे में बताने जा रहा है।
अप्रैल 2019 में लॉन्च करते समय इसका नाम इम्फाल रखा गया था। MDL ने इसे प्री-कमीशनिंग के परीक्षण के लिए 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया था। अपने परीक्षण के दौरान इस नेवल डेस्ट्रॉयर से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करके क्रेस्ट के अनावरण की जानकारी साझा की।
"मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में बनाए जा रहे चार प्रोजेक्ट 15बी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर्स में से तीसरे, यार्ड 12706 (इम्फाल) के शिखर का अनावरण 28 नवंबर 23 को नई दिल्ली में किया जाना है," रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी।
क्रेस्ट के अनावरण के समय भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद होंगे। सभी परीक्षणों के बाद इसे 23 दिसंबर को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
भारत सरकार ने नौसेना को ताकत देने के लिए साल 2013 में प्रोजेक्ट 15B की शुरुआत की थी। इस सीरीज में
आईएनएस विशाखापत्तनम नाम का पहला डिस्ट्रॉयर साल 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
आईएनएस मोरमुगाओ इस प्रोजेक्ट की दूसरी शिप थी, जिसे साल 2022 में नौसेना में शामिल किया गया। अब इस साल दिसंबर में विध्वंसक इम्फाल के शामिल होने के बाद अगले साल चौथे और आखिरी ‘सूरत’ को नौसेना में शामिल किया जाएगा।
दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत युद्धपोतों में से एक इम्फाल भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के शहर के नाम पर रखा जाने वाला युद्धपोत है, इसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी गई थी।
यह देश में बना गाइडेड विध्वंसक है, जो अपनी स्टेल्थ तकनीक के चलते दुश्मनों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। यह 163 मीटर लंबा और 7400 टन वजनी है। इस विध्यवनस्क को चार ताकतवर गैस टर्बाइन इंजन शक्ति देते हैं।
इम्फाल देश का पहला युद्धपोत है जिसे
महिला अधिकारियों और नाविकों के रहने की व्यवस्था के चालू किया जा रहा है। जहाज में 312 व्यक्तियों का दल रह सकता है, इसकी क्षमता 4000 समुद्री मील की है और यह जहाज क्षेत्र से बाहर विस्तारित मिशन समय के साथ सामान्य 42 दिनों के मिशन को अंजाम दे सकता है।
अगर इसकी रफ्तार की बात करें तो यह अधिकतम 30 नॉटिकल मील की रफ्तार से चल सकता है।
कौन से हथियारों से लैस है इम्फाल?
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इम्फाल में लगभग 75% की उच्च स्वदेशी सामग्रियां हैं, जिनमें एमआर एसएएम, ब्रह्मोस एसएसएम, स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी एसआरजीएम शामिल हैं।
सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से यह युद्धपोत लैस है। इसमें 16-16 मिसाइलों के 2 वर्टिकल लॉन्चर हैं, जिनसे कुल 32 मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
इसके अलावा, इस जहाज में एंटी सरफेस वॉरफेयर के लिए
ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल सिस्टम भी लगा हुआ है, जिसकी मदद से भारत और रूस के सहयोग से बनी ब्रह्मोस मिसाइलें फायर की जा सकती हैं।
हाल ही में एक नई जानकारी के मुताबिक इसमें दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने के लिए लॉन्च किये जाने वाले प्रोजेक्ट और टॉरपिडो लॉन्चर भी मौजूद हैं।