भारतीय रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद की हालिया बैठक में दो प्रकार के इन रॉकेटों के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई, जिन्हें एरिया डेनियल म्यूनिशन टाइप-2 और टाइप -3 के नाम से जाना जाता है, रक्षा सूत्रों के माध्यम से स्थानीय मीडिया ने को बताया।
"भारतीय सेना द्वारा रॉकेट मात्र स्वदेशी स्रोतों से खरीदे जाएंगे और दो मुख्य दावेदारों में सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड संलग्न हैं, जो पूर्ववर्ती आयुध कारखानों के निगमीकरण द्वारा बनाई गई गोला-बारूद उत्पादक कंपनियों में से एक है," सूत्रों ने भारतीय मीडिया से कहा।
दरअसल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित पिनाका हथियार प्रणाली को हर मौसम में, अप्रत्यक्ष क्षेत्र में फायर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह हथियार प्रणाली उन पहले कुछ भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें आर्मेनिया सहित विदेशी देशों में निर्यात किया गया है।
बड़ी तोपें आधुनिकीकरण योजनाओं के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना को पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर की 22 रेजिमेंटों की आवश्यकता है। पिनाका रेजिमेंट में स्वचालित बंदूक लक्ष्यीकरण और पोजिशनिंग सिस्टम और कमांड पोस्ट वाले लॉन्चर सम्मिलित हैं।
बता दें कि पिनाका रॉकेट का परीक्षण हाल ही में राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में भी किया गया है और इन परीक्षणों के दौरान कई सफल परीक्षण किए गए हैं।