खान की पत्नी बुशरा बीबी को भी तोशखाना मामले में 14 साल की सज़ा सुनाई गई है, जिसमें उन दोनों पर अवैध रूप से राज्य उपहार बेचने का आरोप लगाया गया था। अदालत ने उन दोनों पर 10 साल तक राजनीतिक पद संभालने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
सज़ा का फैसला 8 फरवरी को होने वाले मतदान से ठीक पहले आया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता इमरान खान, जिन्हें 2022 में उनके विरोधियों ने पीएम पद से हटा दिया था, भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद पहले से ही तीन साल की जेल की सज़ा काट रहे हैं।
इमरान खान जेल में क्यों कैद हैं?
भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल की जेल की सज़ा सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पिछले साल अगस्त में लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था।
खान को दोषी ठहराने के बाद इस्लामाबाद अदालत ने एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसमें कहा गया है कि उन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की रावलपिंडी केंद्रीय जेल में अपनी सज़ा काटनी होगी।
हालांकि इससे पहले पिछले साल मई में पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी द्वारा एक अन्य मामले में खान को हिरासत में लिए जाने के बाद कुछ ही दिनों में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। अगस्त में गिरफ्तारी के बाद से खान को ज्यादातर समय अदियाला जेल में रखा गया है।
भ्रष्टाचार का मामला किस बारे में है?
चुनाव आयोग ने खान पर साल 2018 से 2022 के दौरान प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए देश के कब्जे में रहने वाले उपहारों को अवैध रूप से खरीदने और बेचने का आरोप लगाया है, जो विदेशी यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे, जिनकी कीमत 140 मिलियन पाकिस्तानी रुपये ($500,000) से अधिक है।
इस मामले को तोशखाना के रूप में जाना जाता है। तोशखाना, या खजाना घर, एक सरकारी स्वामित्व वाला विभाग है जहां संसद सदस्यों, मंत्रियों, विदेश सचिवों, राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों द्वारा प्राप्त उपहारों को रखा जाता है।
खान के खिलाफ दर्ज मामले
अप्रैल 2022 में संसद में अविश्वास मत के कारण सत्ता से हटने के बाद से खान पर 150 से अधिक कानूनी मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, आतंकवाद और मई में घातक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकारी और सैन्य संपत्ति पर लोगों को कथित तौर पर हिंसक हमले के लिए उकसाने जैसे कई आरोप शामिल हैं।
हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि उल्लिखित गुप्त केबल 2022 में रूस के दौरे के बाद उनकी सरकार को गिराने के लिए पाकिस्तानी सेना और अमेरिकी सरकार की साजिश का सबूत है।