30 साल की पनडुब्बी निर्माण योजना है जिसे 1989 में मंजूरी दी गई थी, तब से कुछ देरी हुई है, परंतु प्रोजेक्ट 75 इस योजना का एक हिस्सा है और इसमें फिट होगा, भारतीय नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार ने कहा।
"इसके बाद, 24 पनडुब्बियों में से, हमारे पास छह परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बियां होंगी। हम इसे स्वयं बनाना चाहेंगे। हम कुछ समय से इसे सीख रहे हैं, और अब इसके निर्माण को लेकर अत्यंत आश्वस्त हैं," नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा।
साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि "यह प्रस्ताव अब स्वीकार कर लिया गया है और वर्तमान में प्रक्रिया में है। हमें पूरी आशा है कि यह पूरा हो जाएगा। इनकी निर्माण अवधि लंबी है। परंतु हमें अपनी क्षमताओं, प्रौद्योगिकी, समझ और न मात्र इसे बनाने का अपितु इसे संचालित करने की क्षमता पर भी पूरा भरोसा है।"
ज्ञात है कि भारत के पनडुब्बी बेड़े में फिलहाल कोई परमाणु चालित पनडुब्बी नहीं है। इससे पूर्व, नई दिल्ली ने अपने लंबे समय के समय परीक्षित सामरिक साझेदार रूस से परमाणु चालित पनडुब्बी को पट्टे पर लिया था, परंतु अंतिम रूसी परमाणु चालित पनडुब्बी का पट्टा 2021 में समाप्त हो गया।
बता दें कि संभावित संकट का सामना करने में सक्षम होने के लिए, भारतीय नौसेना परमाणु-संचालित तीव्र आक्रमण करने वाली पनडुब्बियों को सम्मिलित करने पर गहनता से विचार कर रही है।