भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन दिव्यास्त्र के सफल क्रियान्वयन के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की सराहना की।
मोदी ने एक्स पर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण 'मिशन दिव्यास्त्र' के लिए हमें हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है।"
दरअसल मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है।
क्या है अग्नि-5 मिसाइल?
अग्नि-5, एक विस्तारित रेंज वाली जमीन से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो सतह से सतह पर तैनाती के लिए डिज़ाइन की गई है और परमाणु क्षमताओं से सुसज्जित है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगली पीढ़ी की मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक है।
गौरतलब है कि मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) क्षमता है।