विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

अग्निकुल कॉसमॉस ने अग्निबाण रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

भारत में चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस ने गुरुवार को अपने 3D-प्रिंटेड, सेमी क्रायोजेनिक अग्निबाण रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है।
Sputnik
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी कि श्रीहरिकोटा में निजी कंपनी के निजी लॉन्च पैड से रॉकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

इसरो ने अग्निकुल कॉसमॉस को उनके लॉन्च पैड से अग्निबाण सॉर्टेड-01 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी। इसरो ने अपने एक्स पेज पर लिखा, "एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से प्राप्त सेमी-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन की पहली नियंत्रित उड़ान के रूप में यह एक बड़ी उपलब्धि है।"

लगभग दो मिनट तक चला यह मिशन स्वदेशी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में कंपनी और देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
22 मार्च के बाद से अग्निबाण उप-कक्षीय प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (SORTED) को प्रक्षेपित करने का अग्निकुल द्वारा यह पांचवां प्रयास था, परीक्षण उड़ान पहली बार श्रीहरिकोटा में इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के अग्निकुल लॉन्च पैड पर आयोजित की जानी थी।
Indian Space Start-up Agnikul Cosmos Successfully Launches Agnibaan Rocket

अग्निकुल के अग्निबाण की विशेषता

कंपनी के अनुसार, अग्निबाण एक अनुकूलन योग्य, दो-चरणीय प्रक्षेपण यान है जो 300 किलोग्राम तक का पेलोड लगभग 700 किलोमीटर की कक्षा में ले जा सकता है।
पहली बार, निजी अंतरिक्ष स्टार्ट-अप ने अपने रॉकेट में तरल और गैस प्रणोदकों के मिश्रण के साथ एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग किया। उक्त तकनीक को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अपने किसी भी रॉकेट में प्रदर्शित किया जाना बाकी है।
स्टार्ट-अप ने इस वाहन को पहली बार ईथरनेट आधारित एवियोनिक्स आर्किटेक्चर और भारत में पूरी तरह से विकसित ऑटोपायलट सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया है।
बता दें कि भारत का लक्ष्य 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करना और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजना है।
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