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थियेटर कमान बनने से संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा जिससे काफ़ी फ़ायदा होगा: विशेषज्ञ

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राजनाथ सिंह एक बार फिर रक्षामंत्री बने। रक्षामंत्री के तौर पर उनका पिछला कार्यकाल सफ़ल माना जाता है जिसमें भारत ने रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में क़दम बढ़ाया है। देश की सेनाओं में आज़ादी के बाद के सबसे बड़े पुर्नगठन के लिए थियेटर कमान बनाने की दिशा में तेज़ी से प्रगति हुई है।
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सेना से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि राजनाथ सिंह को ही दोबारा रक्षामंत्री बनाए जाने से इन सभी कामों में तेज़ी आएगी। ब्रिगेडयर जगदीप दहिया (रिटायर्ड), जो भारतीय सेना के प्रवक्ता रह चुके हैं, का कहना है कि रक्षामंत्री के पद पर राजनाथ सिंह को दोबारा नियुक्त करने से उन कामों की रफ्तार तेज़ होगी जिन्हें पिछली सरकार ने शुरू किया था।
पिछले कुछ महीनों में पिछली सरकार ने थियेटर कमान के लिए लगातार बैठकें की हैं ताकि इसे जल्द बनाया जा सके।

"अब थियेटर कमान बनाने का काम तेज़ होगा क्योंकि पिछली सरकार में बनी कमेटी की सारी सिफारिशें सामने आ चुकी है। तीनों सेनाओं के बीच कुछ मुद्दे थे जिन्हें हल किया जा रहा है। थियेटर कमान बनने से संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा जिससे ज़मीनी स्तर पर काफ़ी फ़ायदा होगा," ब्रिगेडियर दहिया ने बताया।

पिछली सरकार का एक बड़ा फैसला रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का था जिसका असर दिख रहा है। उम्मीद है कि पुराने रक्षामंत्री अपने नए कार्यकाल में भी इसे जारी रखेंगे। ब्रिगेडियर दहिया का मानना है कि आत्मनिर्भरता से रक्षा उत्पादों में नई तकनीक के इस्तेमाल की शुरुआत हुई है।

"लेकिन अभी भी भारत हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है। सबसे ज्यादा ज़रूरत देश में गोला-बारूद के उत्पादन की है क्योंकि इसकी सबसे ज्यादा और लगातार ज़रूरत पड़ती है। इसमें देशी कंपनियों को जोड़ने से उत्पादन तेज़ी से बढ़ेगा," उन्होंने कहा।

भारत के दोनों पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान के साथ 2021 में हुआ सीमा पर युद्धविराम का फैसला क़ायम है और सीमा पर शांति बनी हुई है। ब्रिगेडियर दहिया का कहना है कि चीन के साथ चल रही बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं की पहले की जगहों पर वापसी पर सहमति हो जाने के बाद सीमा पर स्थाई शांति हो पाएगी।

"सीमा पर शांति बनी रहनी चाहिए लेकिन साथ ही अपनी सैनिक क्षमताओं पर भी ध्यान देते रहना होगा। भारत की कोशिश हमेशा पड़ोसियों के साथ शांति से रहने की होती है लेकिन यह शांति उन पर भी निर्भर करती है," ब्रिगेडियर दहिया ने कहा।

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