भारत की दूसरी लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों से लैस न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) INS अरिघात को गुरुवार को विशाखापट्टनम में रक्षा मंत्री और नौसेना प्रमुख की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
न्यूक्लियर सबमरीन को परंपरागत डीज़ल-इलेक्ट्रिक सबमरीन की तरह कुछ समय बाद समुद्र की सतह पर आने की ज़रूरत नहीं होती है। इस तरह की सबमरीन को असीमित समय तक समुद्र की सतह के अंदर रखा जा सकता है।
भारत की न्यूक्लियर सबमरीन का निर्माण विशाखापट्टनम के शिप बिल्डिंग सेंटर में किया जा रहा है। यह नौसैनिक अड्डा रूस से पट्टे पर ली गई अकुला श्रेणी की न्यूक्लियर सबमरीन का भी बेस था। रिपोर्टों के अनुसार, भारत कुल चार SSBN बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
न्यूक्लियर सबमरीन के नौसेना में शामिल हो जाने के बाद भारत का परमाणु ट्रायड पूरा हो जाता है।