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INS तुशील की प्रतीक्षा समाप्त, 9 दिसंबर को नौसेना में शामिल होगा

भारतीय नौसेना ने आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया है कि रूस में बन रहा मल्टी रोल गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तुशील 9 दिसंबर को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
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रूस के कालनिनग्राड के यांतर शिपयार्ड में इस युद्धपोत को भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समारोहपूर्वक नौसेना में समाविष्ट करेंगे।
सभी परीक्षणों में इसमें लगे सिस्टम और हथियार खरे उतरे हैं और अब यह युद्धपोत प्रत्येक कार्रवाई के लिए तैयार स्थिति में भारतीय नौसेना में सम्मिलित होगा। इस 125 मीटर के 3900 टन वज़नी युद्धपोत में भारतीय और रूसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
इस गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट में ब्रह्मोस मिसाइलें लगाकर दुश्मन के जहाज़ों और ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने की जबरदस्त ताक़त दी गई है। इनकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे से अधिक की है और इस रफ्तार से यह एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें हवाई हमले से सुरक्षा के लिए मध्यम दूरी तक मार करने वाली श्टिल और छोटी दूरी पर सुरक्षा के लिए इगला मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं।
दुश्मन की सबमरीन से निबटने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं। समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में और कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में सहायता करता है। इस फ्रिगेट पर एक हेलीकॉप्टर भी नियुक्त किया जा सकता है।
युद्धपोत के नाम का अर्थ "सुरक्षा देने वाली ढाल है" और इसके क्रेस्ट में "अभेद्य कवचम्" अंकित है जिसका अर्थ न तोड़ी जा सकने वाली ढाल है। इसका ध्येय वाक्य "निर्भय, अभेद्य और बलशाली" है जो इसकी क्षमताओं को देखते हुए इस पर सटीक बैठता है।
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भारतीय नौसेना का तेज़ आधुनिकीकरण: नए युद्धपोत और सबमरीन शामिल होने की तैयारी
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