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INS तुशील की प्रतीक्षा समाप्त, 9 दिसंबर को नौसेना में शामिल होगा

© Indian NavyINS Tushil
INS Tushil - Sputnik भारत, 1920, 06.12.2024
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भारतीय नौसेना ने आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया है कि रूस में बन रहा मल्टी रोल गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तुशील 9 दिसंबर को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
रूस के कालनिनग्राड के यांतर शिपयार्ड में इस युद्धपोत को भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समारोहपूर्वक नौसेना में समाविष्ट करेंगे।

INS तुशील क्रिवाक 3 क्लास के फ्रिगेट का उन्नत संस्करण है और इस क्लास के 6 युद्धपोत भारतीय नौसेना में पहले ही अवतीर्ण किए जा चुके हैं। इनमें तीन तलवार क्लास और तीन इसके फॉलोऑन (तेग क्लास) के हैं। INS तुशील को इस साल जनवरी से परीक्षणों से गुज़ारा गया है। पहले फैक्टरी सी ट्रायल, उसके बाद स्टेट कमेटी ट्रायल और अंत में भारतीय नौसैनिक विशेषज्ञों द्वारा इसका डिलिवरी एक्सप्टेंस ट्रायल किया गया।

सभी परीक्षणों में इसमें लगे सिस्टम और हथियार खरे उतरे हैं और अब यह युद्धपोत प्रत्येक कार्रवाई के लिए तैयार स्थिति में भारतीय नौसेना में सम्मिलित होगा। इस 125 मीटर के 3900 टन वज़नी युद्धपोत में भारतीय और रूसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
इस गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट में ब्रह्मोस मिसाइलें लगाकर दुश्मन के जहाज़ों और ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने की जबरदस्त ताक़त दी गई है। इनकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे से अधिक की है और इस रफ्तार से यह एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें हवाई हमले से सुरक्षा के लिए मध्यम दूरी तक मार करने वाली श्टिल और छोटी दूरी पर सुरक्षा के लिए इगला मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं।
दुश्मन की सबमरीन से निबटने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं। समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में और कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में सहायता करता है। इस फ्रिगेट पर एक हेलीकॉप्टर भी नियुक्त किया जा सकता है।
युद्धपोत के नाम का अर्थ "सुरक्षा देने वाली ढाल है" और इसके क्रेस्ट में "अभेद्य कवचम्" अंकित है जिसका अर्थ न तोड़ी जा सकने वाली ढाल है। इसका ध्येय वाक्य "निर्भय, अभेद्य और बलशाली" है जो इसकी क्षमताओं को देखते हुए इस पर सटीक बैठता है।

इसमें 26 प्रतिशत भारतीय सामग्री है और इसमें 33 भारतीय सिस्टम लगाए गए हैं। INS तुशील भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान में सम्मिलित किया जाएगा जिसे सबसे सक्रिय सैन्य कमान माना जाता है। यह सैन्य कमान हिंद महासागर के साथ-साथ भारत की आर्थिक उन्नति के आवश्यक अरब सागर से जाने वाले व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा संभालता है।

Indian navy person stands guard on board war ship Godavari during its decommissioning at the naval dockyard in Mumbai, India, Wednesday, Dec. 23, 2015.  - Sputnik भारत, 1920, 02.12.2024
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भारतीय नौसेना का तेज़ आधुनिकीकरण: नए युद्धपोत और सबमरीन शामिल होने की तैयारी
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