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मणिपुर में हिंसक भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटे

© AP Photo / Yirmiyan ArthurManipur
Manipur - Sputnik भारत, 1920, 04.08.2023
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अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी के लिए मैतई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय झड़पें होने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई सौ लोग घायल हो गए।
भारतीय राज्य मणिपुर में हथियार लूटने की एक ताजा घटना में, हिंसक भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार में तोड़-फोड़ की और हथियार चुरा लिए।

"विभिन्न कैलिबर की 19,000 से अधिक राउंड गोलियां, एके सीरीज असॉल्ट राइफल, तीन 'घातक' राइफलें, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफलें, पांच एमपी-5 बंदूकें, 16 नग 9 मिमी पिस्तौल, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट, 21 कार्बाइन, 124 हैंड ग्रेनेड समेत अन्य भीड़ ने लूट लिया," अधिकारियों ने कहा।

अधिकारी के अनुसार, यह घटना बिष्णुपुर जिले के नारानसैना स्थित द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) के बटालियन मुख्यालय में हुई। दरअसल चुराचांदपुर की ओर मार्च करने के लिए एक भीड़ वहां जमा हुई थी, जहां आदिवासी राज्य में हुई जातीय झड़पों में मारे गए अपने लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना बना रहे थे।
दरअसल कुकी समुदाय द्वारा सामूहिक दफ़न कार्यक्रम से संघर्षग्रस्त राज्य में ताज़ा तनाव पैदा हो गया था और मैतई समुदाय इस कदम का विरोध कर रहा था।
Activists and supporters of the Social Unity Centre of India (Communist), CPI (M) and others protest in solidarity with the people of India’s north-eastern state of Manipur amid ongoing ethnic violence, in Ahmedabad on June 30, 2023. - Sputnik भारत, 1920, 14.07.2023
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बता दें कि इससे पहले गुरुवार को मणिपुर उच्च न्यायालय ने हुई एक असाधारण सुनवाई में प्रस्तावित सामूहिक दफन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, हालांकि कुकी समुदाय ने दावा किया था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ चर्चा के बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।
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