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भारतीय सेना इंफैन्ट्री दिवस 27 अक्टूबर को क्यों मानती है?

© AP Photo / Mukhtar KhanИндийский военнослужащий в Ладакхе
Индийский военнослужащий в Ладакхе - Sputnik भारत, 1920, 27.10.2023
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इन्फैंट्री को "युद्ध की रानी" भी कहा जाता है क्योंकि शतरंज में रानी बहुत माहिर मानी जाती है। उसी तरह युद्ध में इंफैन्ट्री सबसे तेज मानी जाती है। भारतीय सेना आज 77वां इन्फैंट्री दिवस मना रही है।
इस दिन 27 अक्टूबर, 1947 को भारतीय सेना की पहली टुकड़ी श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरी जिसके बाद पाकिस्तान समर्थित आक्रमणकारियों को पीछे हटने के लिए विवश होना पड़ा तब उस दिन की याद में भारतीय सेना हर साल 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस मनाती है।
किसी भी तरह के युद्ध में हार जीत इस पर निर्भर करती है कि आपके पैदल सैनिक कहां हैं। आप बड़े बड़े हथियारों, बम से शत्रु को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकते हैं। शत्रु को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए आधुनिक युग में हथियारों के साथ साथ इन्फैंट्री का होना भी बहुत आवश्यक हैं।
किसी भी देश की वायु सेना या तोपखाना बड़ी से बड़ी इमारतों को पल में ध्वस्त कर देती हैं लेकिन अगर शत्रु भूमिगत हो तो उसे मारना बहुत कठिन होता है जिसके लिए पैदल सेना सामने आती है और शत्रु का सफाया करती है।
बमबारी के बाद पैदल सेना को पारंपरिक युद्ध में शत्रु के क्षेत्र में उपकरणों को खोजना, छुपे शत्रु को मारना सब इन्फैंट्री सेना के हिस्से में आता है।
आज इन्फैंट्री दिवस के उपलक्ष में Sputnik आपको बताएगा कि यह दिन क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है।

भारत में इन्फैंट्री दिवस का इतिहास क्या है?

आजादी के बाद भारत ने पहला युद्ध जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के विरुद्ध लड़ा जब पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर पर धावा बोल दिया। जब वहां के राजा महाराज हरी सिंह ने संकट देखते हुए भारत की सरकार के साथ 26 अक्टूबर 1947 को श्रीनगर में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बन गया।
पाकिस्तान की तरफ से जनजातीय क्षेत्रों से रेडर के भेष में पाकिस्तानी सैनिक 22 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर का पाकिस्तान के साथ विलय करने के लिए दाखिल हो गए। पड़ोसी देश पाकिस्तान को यह नागवार गुजरा और उसने कश्मीर पर धावा बोल दिया। क्षेत्र की रक्षा के लिए कश्मीर में सेना नियुक्त करने के लिए 26 अक्टूबर की रात तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के तहत एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।
इसी बैठक में कश्मीर में सैनिकों को एयरड्रॉप करने का निर्णय लिया गया और 27 अक्टूबर की तड़के, भारतीय वायु सेना के दो विमानों की सहायता से सैनिकों को एयरलिफ्ट किया गया और शेष को निजी एयरलाइन उड़ानों द्वारा उठाया गया।
वहां पहुंचकर उन्होंने वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को पीछे धकेल दिया। इस युद्ध में भारतीय सेना के कई सैनिक और अफसर शहीद हो गए। लेफ्टिनेंट कर्नल दीवान रणजीत राय पाकिस्तानी आक्रमणकारियों से लड़ते हुए जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में शहीद हो गए। उन्हें सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
A banner erected by the Indian army stands near Pangong Tso lake near the India-China border in India's Ladakh area, Sept. 14, 2017. - Sputnik भारत, 1920, 21.10.2023
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कैसे मनाया जाता है देश में इन्फेंट्री दिवस

देश भर में प्रमुख संगठन और सेना के जवान आज के दिन बहादुर सैनिकों के बलिदान को याद करते हैं और उनके सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन्फैंट्री दिवस मनाने का एक मुख्य उद्देश्य लोगों में भारतीय सैनिकों के बलिदान के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना है।
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