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इसरो की तत्काल प्राथमिकता 'गगनयान' कार्यक्रम है: एस सोमनाथ
इसरो की तत्काल प्राथमिकता 'गगनयान' कार्यक्रम है: एस सोमनाथ
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कई लक्ष्यों पर काम कर रहा है, लेकिन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान इसका तत्काल प्राथमिक लक्ष्य है, एजेंसी के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा।
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सोमनाथ ने कहा कि इसरो की योजना 2028 तक भारत के अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल स्थापित करने और 2035 तक इसे पूरा करने की है।दरअसल गगनयान मिशन का लक्ष्य साल 2025 में मनुष्यों को तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी की 400 किलोमीटर की निचली कक्षा में भेजना है।अंतरिक्ष यान को L1 के आसपास रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। उस क्षेत्र में रखे गए उपग्रह को बिना किसी ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने का लाभ मिलेगा।
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इसरो की तत्काल प्राथमिकता 'गगनयान' कार्यक्रम है: एस सोमनाथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कई लक्ष्यों पर काम कर रहा है, लेकिन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान इसका तत्काल प्राथमिक लक्ष्य है, एजेंसी के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा।
सोमनाथ ने कहा कि इसरो की योजना 2028 तक भारत के
अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल स्थापित करने और 2035 तक इसे पूरा करने की है।
“कई लक्ष्य हैं, एक लक्ष्य नहीं है। लेकिन अभी हमारा प्राथमिक लक्ष्य गगनयान है। किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेजना और सुरक्षित वापस लाना हमारा तत्काल बड़ा लक्ष्य है,'' सोमनाथ ने कोलकाता में 'वैश्विक ऊर्जा संसद 2023' के मौके पर कहा।
दरअसल गगनयान मिशन का लक्ष्य साल 2025 में
मनुष्यों को तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी की 400 किलोमीटर की निचली कक्षा में भेजना है।
"सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन आदित्य L1 अपने रास्ते पर है। हमारी उम्मीद है कि यह 7 जनवरी तक लैग्रेंज प्वाइंट 1 (L1) में प्रवेश कर जाएगा," सोमनाथ ने कहा।
अंतरिक्ष यान को L1 के आसपास रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। उस क्षेत्र में रखे गए उपग्रह को बिना किसी ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने का लाभ मिलेगा।