https://hindi.sputniknews.in/20240109/jaanen-kaisii-hai-100-din-men-taiyaari-drdo-kii-ugraam-riaaifl-6142745.html
जानें कैसी है 100 दिन में तैयार DRDO की उग्राम राइफल?
जानें कैसी है 100 दिन में तैयार DRDO की उग्राम राइफल?
Sputnik भारत
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने उग्राम नाम की 7.62 मिमी कैलिबर की देश में बनी स्वदेशी राइफल का अनावरण किया। इस राइफल को 100 दिनों से भी कम समय में तैयार किया गया है।
2024-01-09T18:41+0530
2024-01-09T18:41+0530
2024-01-09T19:32+0530
डिफेंस
भारत
भारत का विकास
तकनीकी विकास
सैन्य तकनीक
सैन्य प्रौद्योगिकी
हथियारों की आपूर्ति
make in india
उत्तर प्रदेश
रूस
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/01/06/6108423_0:191:1600:1091_1920x0_80_0_0_aef7abead58ed1837e5839368883f880.jpg
यह राइफल DRDO की इकाई आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDI) और हैदराबाद स्थित निजी फर्म डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है।यह राइफल इंसास राइफल से अधिक घातक होती है क्योंकि इंसास 5.62 मिमी कैलिबर राउंड का उपयोग करती हैं। भारत में इसका उपयोग अभी अर्धसैनिक बलों सहित भारत में सशस्त्र बलों द्वारा किया जाता है।इस राइफल की प्रभावी रेंज 500 मीटर है, और इसका वजन चार किलोग्राम है। इसे सेना की जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (GSQR) को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 'उग्राम' राइफल को सैन्य, अर्धसैनिक और पुलिस बलों की परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। राइफल स्वचालित और एकल दोनों मोड में फायर होते हैं।भारतीय मीडिया के मुताबिक इस राइफल को 100 दिनों में विकसित किया गया है और अब इसके आगे इसे कठोर सर्दी, अत्यधिक गर्मी और पानी के नीचे जैसी स्थितियों में परीक्षण किया जाएगा।अंकथी राजू ने आगे मीडिया को बताया कि डिजाइन और डिजाइन से संबंधित विश्लेषण की प्रक्रिया दो साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन निजी विक्रेता के सहयोग से विकास 100 दिनों में पूरा हो गया।इससे पहले भारत ने AK-203 राइफल विकसित करने और 7.62 मिमी कैलिबर राउंड तैनात करने के लिए रूस के साथ साझेदारी की है। इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जो एके-203 राइफल्स के स्वदेशी उत्पादन के लिए स्थापित की गई है। वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कोरवा में एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम में विनिर्माण और परीक्षण चरण में हैं। AK-203 की प्रभावी रेंज 300 मीटर है।
https://hindi.sputniknews.in/20240101/bhartiy-vayu-sena-su-30-mki-ldaku-vimanon-ki-seva-avdhi-ko-20-saal-tak-badhayegi-6045027.html
भारत
उत्तर प्रदेश
रूस
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/01/06/6108423_73:0:1528:1091_1920x0_80_0_0_a976c5c0afc91ec5edf66b0f371fbd46.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
उग्राम राइफल, रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (drdo), rdo की इकाई आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ardi), 7.62 मिमी कैलिबर की देश में बनी स्वदेशी राइफल, सेना की जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (gsqr), ardi के निदेशक अंकथी राजू, सैन्य, अर्धसैनिक और पुलिस बलों की परिचालन आवश्यकता, ak-203 राइफल, इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (irrpl), उत्तर प्रदेश
उग्राम राइफल, रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (drdo), rdo की इकाई आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ardi), 7.62 मिमी कैलिबर की देश में बनी स्वदेशी राइफल, सेना की जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (gsqr), ardi के निदेशक अंकथी राजू, सैन्य, अर्धसैनिक और पुलिस बलों की परिचालन आवश्यकता, ak-203 राइफल, इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (irrpl), उत्तर प्रदेश
जानें कैसी है 100 दिन में तैयार DRDO की उग्राम राइफल?
18:41 09.01.2024 (अपडेटेड: 19:32 09.01.2024) रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने उग्राम (जिसका अर्थ है क्रूर) नाम की 7.62 मिमी कैलिबर की देश में बनी स्वदेशी राइफल का अनावरण किया। इस राइफल को 100 दिनों से भी कम समय में तैयार किया गया है।
यह राइफल DRDO की इकाई आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDI) और हैदराबाद स्थित निजी फर्म डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है।
यह राइफल इंसास राइफल से अधिक घातक होती है क्योंकि इंसास 5.62 मिमी कैलिबर राउंड का उपयोग करती हैं। भारत में इसका उपयोग अभी अर्धसैनिक बलों सहित भारत में सशस्त्र बलों द्वारा किया जाता है।
इस
राइफल की प्रभावी रेंज 500 मीटर है, और इसका वजन चार किलोग्राम है। इसे सेना की जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (GSQR) को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 'उग्राम' राइफल को सैन्य, अर्धसैनिक और
पुलिस बलों की परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। राइफल स्वचालित और एकल दोनों मोड में फायर होते हैं।
ARDI के निदेशक अंकथी राजू ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "यह दो साल पहले शुरू किया गया एक मिशन-मोड प्रोजेक्ट था। एआरडीई द्वारा राइफल डिजाइन करने के बाद हमने विकास और विनिर्माण के लिए एक निजी उद्योग भागीदार की तलाश शुरू कर दी"।
भारतीय मीडिया के मुताबिक इस राइफल को 100 दिनों में विकसित किया गया है और अब इसके आगे इसे कठोर सर्दी, अत्यधिक गर्मी और पानी के नीचे जैसी स्थितियों में परीक्षण किया जाएगा।
अंकथी राजू ने आगे मीडिया को बताया कि डिजाइन और डिजाइन से संबंधित विश्लेषण की प्रक्रिया दो साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन निजी विक्रेता के सहयोग से विकास 100 दिनों में पूरा हो गया।
इससे पहले भारत ने
AK-203 राइफल विकसित करने और 7.62 मिमी कैलिबर राउंड तैनात करने के लिए रूस के साथ साझेदारी की है। इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जो एके-203 राइफल्स के स्वदेशी उत्पादन के लिए स्थापित की गई है। वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कोरवा में एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम में विनिर्माण और परीक्षण चरण में हैं। AK-203 की प्रभावी रेंज 300 मीटर है।