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2023 में इसरो ने उपग्रहों को बचाने के लिए 23 टकराव बचाव अभियानों को दिया अंजाम
2023 में इसरो ने उपग्रहों को बचाने के लिए 23 टकराव बचाव अभियानों को दिया अंजाम
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भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने 2023 की अपनी व्यापक अंतरिक्ष स्थिति का आकलन (ISSAR) करने वाली रिपोर्ट जारी की, इस रिपोर्ट में इसरो ने बताया कि उसने 2023 में उपग्रहों की सुरक्षा के लिए 23 टकराव टालने वाले मनूवर किये।
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भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने 2023 की अपनी व्यापक अंतरिक्ष स्थिति का आकलन (ISSAR) करने वाली रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में इसरो ने बताया कि उसने 2023 में उपग्रहों की सुरक्षा के लिए 23 टकराव टालने वाले अभियानों को अंजाम दिया।इसरो ने साल 2023 में टकराव बचाव अभियान का रिकार्ड कायम किया गया। अंतरिक्ष पर्यटन, तारामंडल और पृथ्वी से परे विस्तारित उपस्थिति जैसे नए उद्यमों ने पारंपरिक अंतरिक्ष संचालन को आगे बढ़ाया है। इस तरह की गतिविधियों से न केवल टकराव का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह अंतरिक्ष मलबे को भी बढ़ावा देता है।रिपोर्ट के मुताबिक इसरो को यूएस स्पेस कमांड (US SPACECOM) से लगभग 1,37,565 अलर्ट प्राप्त हुए, जिसमें लगभग 3,033 अलर्ट एक दूसरे के 1 किमी के भीतर आने वाले उपग्रहों से जुड़े थे।इसरो की रिपोर्ट में आठ भारतीय उपग्रहों के सफल पुन: प्रवेश पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें मेघा-ट्रॉपिक्स-1 का नियंत्रित अवतरण भी शामिल है, जो एक कठोर डी-ऑर्बिटिंग अभ्यास का हिस्सा था। इसके आगे रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2023 में भारतीय प्रक्षेपणों द्वारा 82 रॉकेट पिंडों को कक्षा में स्थापित किया गया है।
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2023 में इसरो ने उपग्रहों को बचाने के लिए 23 टकराव बचाव अभियानों को दिया अंजाम
इसरो की व्यापक अंतरिक्ष स्थिति आकलन रिपोर्ट अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन और उपग्रह संचालन में चुनौतियों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। इसके अलावा, रिपोर्ट अंतरिक्ष गतिविधियों के विस्तार के व्यापक निहितार्थों को दिखाती है।
भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने 2023 की अपनी व्यापक अंतरिक्ष स्थिति का आकलन (ISSAR) करने वाली रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में इसरो ने बताया कि उसने 2023 में उपग्रहों की सुरक्षा के लिए 23 टकराव टालने वाले अभियानों को अंजाम दिया।
इसरो ने साल 2023 में टकराव बचाव अभियान का रिकार्ड कायम किया गया।
अंतरिक्ष पर्यटन, तारामंडल और पृथ्वी से परे विस्तारित उपस्थिति जैसे नए उद्यमों ने पारंपरिक अंतरिक्ष संचालन को आगे बढ़ाया है। इस तरह की गतिविधियों से न केवल टकराव का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह अंतरिक्ष मलबे को भी बढ़ावा देता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इसरो को यूएस स्पेस कमांड (US SPACECOM) से लगभग 1,37,565 अलर्ट प्राप्त हुए, जिसमें लगभग 3,033 अलर्ट एक दूसरे के 1 किमी के भीतर आने वाले उपग्रहों से जुड़े थे।
इसरो की रिपोर्ट में आठ
भारतीय उपग्रहों के सफल पुन: प्रवेश पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें मेघा-ट्रॉपिक्स-1 का नियंत्रित अवतरण भी शामिल है, जो एक कठोर डी-ऑर्बिटिंग अभ्यास का हिस्सा था। इसके आगे रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2023 में
भारतीय प्रक्षेपणों द्वारा 82 रॉकेट पिंडों को कक्षा में स्थापित किया गया है।