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भारतीय सेना, इसके देशी और विदेशी भागीदारों और प्रतिद्वन्द्वियों की गरमा गरम खबरें।

भारतीय सेना की एकीकृत युद्ध समूह योजना पर नवनिर्मित सरकार करेगी निर्णय

© AP Photo / Bikas DasAn Indian army launcher vehicle with missiles take part during the full dress rehearsal for the upcoming Republic Day parade in Kolkata, India, Monday, Jan. 24, 2022.
An Indian army launcher vehicle with missiles take part during the full dress rehearsal for the upcoming Republic Day parade in Kolkata, India, Monday, Jan. 24, 2022.  - Sputnik भारत, 1920, 10.06.2024
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार एकीकृत त्रि-सेवा थियेटर कमान बनाने के अतिरिक्त सेना संरचनाओं के लंबे समय से विचाराधीन पुनर्गठन पर भी निर्णय करेगी, जो कि आत्मनिर्भर एकीकृत युद्ध समूहों (IBG) में होंगे, जिससे वे तेजी से जुट सकें और जोरदार प्रहार कर सकें, सूत्रों ने स्थानीय मीडिया को बताया।
भारतीय सेना ने पहले ही 'पायलट प्रोजेक्ट' के पहले चरण के अंतर्गत पाकिस्तान से सटे पश्चिमी मोर्चे पर 9 'पिवट' कोर (योल में मुख्यालय) के तहत दो आईबीजी का गठन कर लिया है। इसके उपरांत, दूसरे चरण में चीन से लगे पूर्वी मोर्चे पर 17 'माउंटेन स्ट्राइक' कोर (पानागढ़) में पांच आईबीजी का गठन किया गया है।

सूत्रों ने स्थानीय मीडिया को बताया, "सभी हथियारों से लैस इन एकीकृत आईबीजी का सफलतापूर्वक युद्ध अभ्यास किया गया है। सेना मुख्यालय ने पहले ही रक्षा मंत्रालय को 'आईबीजी-करण' के चरण-1 की रिपोर्ट सौंप दी है। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक जीएसएल (सरकारी स्वीकृति पत्र) जारी करने से पहले चरण-2 की रिपोर्ट भी मांगी है।"

दरअसल, सेना आईबीजी की भूमिका को लेकर अत्यंत उत्साहित है, क्योंकि उसका मानना ​​है कि इससे तेज आक्रमण सुनिश्चित होगा। परंतु यह देखना अभी शेष है कि आईबीजी मॉडल प्रस्तावित थिएटर कमांड में किस प्रकार से फिट बैठता है।

सूत्रों के माध्यम से भारतीय मीडिया ने कहा, "थिएटर कमांड में सेना, वायु सेना और नौसेना को सम्मिलित करते हुए रणनीतिक स्तर का सुधार किया जाता है। आईबीजी मॉडल सेना के भीतर एक सामरिक पुनर्गठन है, जिसमें पहले ही बहुत विलंभ हो चुका है। लेकिन चूंकि आईबीजी-करण के कुछ वित्तीय निहितार्थ हैं, इसलिए जीएसएल की आवश्यकता है।"

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक समग्र IBG में 5,000 से 6,000 सैनिक होंगे और थल सेना, टैंक, तोपें, वायु रक्षा, सिग्नल, इंजीनियर और अन्य इकाइयों को एक अलग मिश्रण स्थायी रूप से एक साथ नियुक्त किया जाएगा। वर्तमान समय में, ये इकाइयाँ केवल अभ्यास या वास्तविक युद्ध के दौरान एक साथ आती हैं।
बता दें कि भारत की महत्वाकांक्षी रक्षा सुधार योजना का उद्देश्य सीमित संघर्ष या युद्ध के दौरान परिभाषित सैन्य लक्ष्यों के साथ विशिष्ट शत्रु-आधारित थिएटरों में संयुक्त संचालन हेतु थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकीकृत करना है।
Indian paratroopers perform a re-enactment of the army landing in Srinagar in 1947, at the Indian Air Force Station on the outskirts of Srinagar, Indian controlled Kashmir, Thursday, Oct. 27, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 06.06.2024
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