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भारतीय सेना की पहली भैरव बटालियन दो हफ्ते में होगी तैनात
भारतीय सेना की पहली भैरव बटालियन दो हफ्ते में होगी तैनात
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भारतीय सेना की इफेन्ट्री के महानिदेशक ले. जनरल अजय कुमार ने बताया है कि विशेष अभियानों के लिए बनाई जा रही पहली भैरव बटालियन एक नवंबर से तैनात हो जाएगी।
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सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने जुलाई में विशेष भैरव बटालियन बनाने की घोषणा की थी। 200 से 250 सैनिकों वाली ये बटालियन ज्यादा तेज़ गति से स्वतंत्र कार्रवाई करने के लिए बनाई जा रही हैं। इन्हें बेहतर अस्त्र-शस्त्र और प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि ये दुश्मन के क्षेत्र में जाकर कमांडो ऑपरेशन कर सकें। इन बटालियनों में इंफेन्ट्री के अतिरिक्त एयर डिफेंस, आर्टिलरी और सिग्नल रेजीमेंटों के सैनिक भी शामिल किए जाएंगे ताकि युद्धक्षेत्र के लिए आवश्यकताएं पूरी हो सकें।उन्होंने जानकारी दी कि पहली पांच भैरव बटालियनों का प्रशिक्षण 31 अक्टूबर को पूरा हो जाएगा और वे तैनाती के लिए तैयार होंगी। सभी 25 बटालियन अगले 6 महीने में तैयार हो जाएंगी। इन्हें पाकिस्तान और चीन की सीमा के अतिरिक्त विशेष आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी प्रयोग किया जाएगा।भारतीय सेना की सभी 380 इन्फेंट्री बटालियन में ड्रोन विशेषज्ञ अश्नि प्लाटून बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अश्नि प्लाटून में 20 से 25 प्रशिक्षित सैनिक होंगे जो हर तरह के ड्रोन से कार्रवाई करने में पारंगत होंगे। इन्हें चौकसी, निगरानी, टोह लेने सहित आक्रामक और आत्मघाती ड्रोन से लैस किया जाएगा। 11 लाख से ज्यादा सैनिकों वाली भारतीय सेना अपने हर सैनिक के हाथ में एक ड्रोन देने के ध्येय को पूरा करना चाहती है जिसकी घोषणा सेनाध्यक्ष ने पहले की थी। विश्व के अलग-अलग युद्धों के साथ-साथ मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष में ड्रोन ने अपना महत्व सिद्ध कर दिया है।
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ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सेना की पहली भैरव बटालियन, भारतीय सेना की इफेन्ट्री के महानिदेशक ले. जनरल अजय कुमार, चौकसी, निगरानी, टोह लेने सहित आक्रामक और आत्मघाती ड्रोन
ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सेना की पहली भैरव बटालियन, भारतीय सेना की इफेन्ट्री के महानिदेशक ले. जनरल अजय कुमार, चौकसी, निगरानी, टोह लेने सहित आक्रामक और आत्मघाती ड्रोन
भारतीय सेना की पहली भैरव बटालियन दो हफ्ते में होगी तैनात
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुनर्गठन के दौर से गुज़र रही भारतीय सेना खुद को नए युद्धकौशल में पारंगत कर रही है। भारतीय सेना की इफेन्ट्री के महानिदेशक ले. जनरल अजय कुमार ने बताया है कि विशेष अभियानों के लिए बनाई जा रही पहली भैरव बटालियन एक नवंबर से तैनात हो जाएगी।
सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने जुलाई में विशेष भैरव बटालियन बनाने की घोषणा की थी। 200 से 250 सैनिकों वाली ये बटालियन ज्यादा तेज़ गति से स्वतंत्र कार्रवाई करने के लिए बनाई जा रही हैं।
इन्हें बेहतर अस्त्र-शस्त्र और प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि ये दुश्मन के क्षेत्र में जाकर कमांडो ऑपरेशन कर सकें। इन बटालियनों में इंफेन्ट्री के अतिरिक्त एयर डिफेंस, आर्टिलरी और सिग्नल रेजीमेंटों के सैनिक भी शामिल किए जाएंगे ताकि युद्धक्षेत्र के लिए आवश्यकताएं पूरी हो सकें।
जनरल अजय कुमार ने कहा, "इन बटालियनों को एक बार प्रयोग करने वाले (दागो और भूल जाओ) अस्त्र-शस्त्र भी दिए जा रहे हैं ताकि ये कार्रवाई में कम भार रहे और सैनिक ज्यादा गतिशील रहें।"
उन्होंने जानकारी दी कि पहली पांच भैरव बटालियनों का प्रशिक्षण 31 अक्टूबर को पूरा हो जाएगा और वे तैनाती के लिए तैयार होंगी। सभी 25 बटालियन अगले 6 महीने में तैयार हो जाएंगी। इन्हें पाकिस्तान और चीन की सीमा के अतिरिक्त विशेष आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी प्रयोग किया जाएगा।
भारतीय सेना की सभी 380 इन्फेंट्री बटालियन में ड्रोन विशेषज्ञ अश्नि प्लाटून बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अश्नि प्लाटून में 20 से 25 प्रशिक्षित सैनिक होंगे जो हर तरह के ड्रोन से कार्रवाई करने में पारंगत होंगे। इन्हें चौकसी, निगरानी, टोह लेने सहित आक्रामक और आत्मघाती ड्रोन से लैस किया जाएगा।
11 लाख से ज्यादा सैनिकों वाली भारतीय सेना अपने हर सैनिक के हाथ में एक ड्रोन देने के ध्येय को पूरा करना चाहती है जिसकी घोषणा सेनाध्यक्ष ने पहले की थी। विश्व के अलग-अलग युद्धों के साथ-साथ मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष में ड्रोन ने अपना महत्व सिद्ध कर दिया है।