भारतीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत अपने पड़ोसी देश चीन के साथ सीमा पर खुफिया चौकियां स्थापित करेगा जिससे चीनी सेना के किसी भी तरह के जमावड़े पर नजर रखने के साथ साथ यथास्थिति को बदलने के प्रयासों पर नजर रखी जा सकेगी।
“सीमा खुफिया चौकियों पर सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO), खुफिया ब्यूरो (IB), अनुसंधान और विश्लेषण विंग (R&AW) आदि एजेंसियों के सहयोग से खुफिया कर्मी होंगे जो चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधि की किसी भी असामान्य स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे और फैलेंगे,“ सूत्र के हवाले से मीडिया ने कहा।
भारत-चीन सीमा की वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो सीमा पर 180 से अधिक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस चौकियां हैं और मीडिया के अनुसार प्रत्येक खुफिया पोस्ट पर विशिष्ट जिम्मेदारियों वाले चार से पांच खुफिया अधिकारी तैनात होंगे।
भारत ने 2020 के गलवान घाटी की झड़प के बाद चीन के साथ लगभग लगी 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य बुनियादी ढांचे, निगरानी और युद्ध क्षमताओं में काफी सुधार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी सीमा पर रूसी S-400 वायु रक्षा प्रणालियां तैनात हैं।
हाल ही में भारत को रूस से S-400 का तीसरा स्क्वाड्रन मिल गया है। भारत-चीन सीमा के अलावा पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर हवाई हमलों से निपटने के लिए इस S-400 स्क्वाड्रन को पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात किया जा रहा है।
वहीं वायु सेना दिवस से पहले, भारतीय वायु सेना के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने मीडिया को बताया कि भारतीय वायुसेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर और खासकर पूर्वी लद्दाख में स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है।
"हम खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (ISR) के माध्यम से सीमाओं के पार स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। हमारी परिचालन योजनाएं गतिशील हैं और विकासशील स्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं। उन जगहों पर जहां हम संख्या के आधार पर विरोधियों का मुकाबला नहीं कर सकते, हम बेहतर रणनीति के जरिए इसका मुकाबला करेंगे," चौधरी ने कहा।
This undated handout photograph released by the Indian Army on February 16, 2021 shows People Liberation Army (PLA) soldiers during military disengagement along the Line of Actual Control (LAC) at the India-China border in Ladakh
© AFP 2023 INDIAN MINISTRY OF DEFENCE
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) क्या है?
अगर इस सीमा की लंबाई की बात करें तो भारत इसे 3,488 किमी जबकि चीनी इसे लगभग 2,000 किमी लंबी मानता हैं। LAC लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील को छोड़कर जहां यह पानी से होकर गुजरती है, अधिकांश हिस्सों में जमीन पर होती है।
LAC को लेकर क्या विवाद है?
LAC का जिक्र पहली बार चीनी प्रधानमंत्री झोउ एनलाई ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को 1959 में लिखे दो पत्रों में किया था और इन पत्रों में चीन ने माना था कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद है, इसलिए दोनों देश अपनी अपनी साझा सीमाओं के अलग-अलग नक्शे बनाते हैं।
भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद, चीनियों ने दावा किया कि वे 1959 की LAC से 20 किमी पीछे चले गए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 2017 में डोकलाम संकट के दौरान भारत से "1959 LAC" का पालन करने का आग्रह किया।
गलवान घाटी विवाद क्या है?
भारतीय और चीनी सेना के जवानों के बीच 15 जून 2020 को हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने 20 से 35 जवानों को खोया था। हालांकि आधिकारिक तौर पर चीन ने केवल चार जवानों की क्षति को माना।
चार दशकों में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुआ संघर्ष सबसे घातक था। इसके बाद अब तक भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 19 राउंड की बातचीत हो चुकी है।
भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक 19 वें राउंड की बातचीत में दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में LAC पर शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई। नेतृत्व द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप, उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।