आईएनएस इंफाल को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के हवाले किया गया, शामिल होने के बाद यह युद्धपोत पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है।
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह युद्धपोत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने का एक बड़ा उदाहरण है। इसके आने से भारतीय नौसेना और मजबूत होगी।
"आईएनएस इंफाल का जलावतरण भारत के रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर' बनने का एक उदाहरण है। मुझे विश्वास है कि आईएनएस इम्फाल का जलावतरण भारत की नौसैनिक शक्तियों को मजबूत करेगा," रक्षा मंत्री ने कहा।
भारतीय नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार ने इस मौके पर कहा कि आईएनएस इम्फाल न केवल समुद्र में या उससे उत्पन्न होने वाले भौतिक खतरों से निपटेगा, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर राष्ट्रीय एकता को नष्ट करने की कोई कोशिश सामने आएगी तो एकीकृत भारत की प्रदर्शित ताकत के माध्यम से, वह इसको रोक देगा।
इससे आगे नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मंगलवार को कमीशनिंग समारोह में कहा कि भारत के पास व्यापारी जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए 15 अल्फा और ब्रावो श्रेणी के चार विध्वंसक तैनात हैं।