भारतीय वायु सेना (IAF) युद्ध स्तर पर आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर काम कर रही है। IAF जगुआर लड़ाकू विमानों के बेढ़ों को भी अत्याधुनिक नजदीकी लड़ाकू मिसाइलों से लैस करने जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना जगुआर को नई पीढ़ी की मिसाइलों से लैस करने के लिए उद्योग के प्रस्तावों की तलाश कर रही है। इन विमानों को मिसाइलें, उन्नत डिस्प्ले अटैक रेंजिंग इनर्शियल नेविगेशन-III (DARIN-III) एवियोनिक्स और एक हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम (HMDS) के साथ एकीकृत करने की योजना है।
इस अपग्रेड के बाद इन विमानों की क्षमता में कई गुणा इजाफा हो जाएगा। ASRAAM एक उन्नत इन्फ्रारेड (IR) होमिंग सिस्टम है, जो इसे 25 किलोमीटर से अधिक दूरी से लक्ष्य को लॉक करने की अनुमति देता है। HMDS के साथ मिलकर, ASRAAM के जरिए पायलट विमान को सीधे उनकी ओर इंगित किए बिना लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं।हालांकि IAF ने हाल ही में DARIN III सहित कई उन्नयनों के माध्यम से जगुआर की क्षमताओं को बढ़ाया है, जिसमें उन्नत एवियोनिक्स और मिशन सिस्टम शामिल हैं।
इसके अलावा इन्फ्रारेड, 'फायर-एंड-फॉरगेट' ASRAAM जगुआर को लड़ाकू जेट, परिवहन विमान, क्रूज मिसाइलों और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) सहित विभिन्न हवाई खतरों का मुकाबला करने में सक्षम बनाता है। भविष्य में माना जा रहा है कि देश में बने तेजस एमके -2 से जगुआर के बेड़े को बदल दिया जाएगा।