स्वदेशी मिसाइल निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय वायु सेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) को 200 अस्त्र मार्क 1 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के उत्पादन के लिए मंजूरी दे दी है।
भारतीय वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार इस उत्पादन की मंजूरी हाल ही में भारतीय वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की हैदराबाद यात्रा के दौरान दी गई।
उत्पादन के बाद अस्त्र मार्क 1 मिसाइलों को रूस से प्राप्त सुखोई-30 तथा स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान में एकीकृत किया जाएगा।
अस्त्र मार्क 1 मिसाइल को पहले ही भारतीय वायु सेना और नौसेना दोनों में सफलतापूर्वक शामिल किया जा चुका है। मौजूदा अस्त्र मार्क 1 मिसाइल की मारक क्षमता 100 किलोमीटर तक है, जिसे और भी बढ़ाया जा सकता है।
रिपोर्टों के अनुसार, अस्त्र मार्क 2 मिसाइलों पर काम चल रहा है और 130 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का पहला परीक्षण आगामी महीनों में होने वाला है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की येह श्रृंखला अस्त्र कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों की हवाई युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना है।