तुर्की और अन्य मित्र राष्ट्रों द्वारा संचालित वार्ता के नए दौर का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव को कम करना है, जिनके बीच इस महीने की शुरुआत में गोलीबारी हुई थी, जिसमें दर्जनों सैनिक, नागरिक और आतंकवादी मारे गए थे।
पिछले दौर की वार्ता विफल होने के बावजूद युद्धविराम काफी हद तक कायम रहा है और इस हफ़्ते सीमा पर कोई नई झड़प की खबर नहीं आई। हालांकि, दोनों देशों ने प्रमुख सीमा क्रॉसिंग बंद रखी हैं, जिससे सामान और शरणार्थियों से भरे सैकड़ों ट्रक दोनों तरफ़ फंसे हुए हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने स्थानीय मीडिया को बताया कि शांति को एक और मौका देने का निर्णय पाकिस्तान द्वारा कतर और तुर्की के अनुरोध पर लिया गया है तथा कल रात स्वदेश लौटने वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को इस्तांबुल में ही रुकने के लिए कहा गया है।
इस बीच गुरुवार को अफगानिस्तान के सरकारी प्रसारक आरटीए ने कहा कि तुर्की और कतर की मध्यस्थता में इस्तांबुल में रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू होने वाली है।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में काबुल में विस्फोटों की आवाजें सुनाई देने के बाद तनाव बढ़ गया था और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर राजधानी में हवाई हमले करने और देश के पूर्वी हिस्से में एक बाजार पर बमबारी करने का आरोप लगाया था।