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मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि दिखाई: रिपोर्ट

© AP Photo / MANISH SWARUPBrahmos missile
Brahmos missile  - Sputnik भारत, 1920, 29.02.2024
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भारत और रूस के मध्य संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है, जो मैक 3 तक की गति से यात्रा करने में सक्षम विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में से एक है, जिसकी 300 किलोग्राम पेलोड ले जाने की क्षमता है।
भारत और रूस के सहयोग से बनी ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल में विश्व के मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों ने अपनी रुचि दिखाई है, विशेषकर इस अत्याधुनिक मिसाइल में वे देश अधिक इच्छा दिखा रहे हैं जो रूसी सुखोई विमान के बेड़े से लैस हैं, भारतीय मीडिया ने रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया।

रक्षा अधिकारियों के माध्यम से भारतीय मीडिया ने बताया कि वे देश अपने बेड़े के लिए मिसाइल के विभिन्न संस्करणों में अधिक रुचि दिखा रहे हैं।

हालांकि इससे पहले भी कई देश इसकी क्षमता को देखते हुए इसे अपने रक्षा बेड़े में सम्मिलित करने के इच्छुक रहे हैं।सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को हवा के साथ साथ जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है, यह 450 किलोमीटर से अधिक के लक्ष्य को समाप्त करने में सक्षम है।
हाल ही में भारत सरकार ने नौसेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के लिए 20,000 करोड़ रुपये के सौदे हरी झंडी दे दी थी, इसमें 200 से अधिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल और उनसे संबंधित उपकरण खरीदे जाएंगे जिससे भारतीय नौसेना की क्षमता में और भी वृद्धि होगी।

ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर जहाज-रोधी और हमले के संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार के रूप में कार्य करती है। भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से बनी ब्रह्मोस के विस्तारित संस्करणों के सभी तीन वेरिएंट जमीन, हवा, जहाज और पनडुब्बियों से सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।
India's supersonic Brahmos cruise missiles - Sputnik भारत, 1920, 07.02.2024
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