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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार भारत ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम लिया​

© Getty Images / Alex WongARLINGTON, VIRGINIA - APRIL 11: Indian Minister of Defense Rajnath Singh attends a meeting with U.S. Secretary of Defense Lloyd Austin at the Pentagon April 11, 2022 in Arlington, Virginia. Defense Minister Singh is in Washington to attend the U.S.-India 2+2 Ministerial Dialogue. (Photo by Alex Wong/Getty Images)
ARLINGTON, VIRGINIA - APRIL 11: Indian Minister of Defense Rajnath Singh attends a meeting with U.S. Secretary of Defense Lloyd Austin at the Pentagon April 11, 2022 in Arlington, Virginia. Defense Minister Singh is in Washington to attend the U.S.-India 2+2 Ministerial Dialogue. (Photo by Alex Wong/Getty Images) - Sputnik भारत, 1920, 01.05.2025
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अमेरिकी रक्षा सचिव और भारतीय रक्षामंत्री के बीच की यह बातचीत से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी फोन पर बात कर चुके हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विश्व के दो परमाणु क्षमता के धारक देश भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच गुरुवार को अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ से टेलीफोन पर बात की।
राजनाथ सिंह ने बताया कि बातचीत में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले में निर्दोष नागरिकों की दुखद मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।

राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव के हवाले से एक्स पर लिखा, "सचिव हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई में अमेरिकी सरकार के मजबूत समर्थन को दोहराया।"

बातचीत के दौरान, भारतीय रक्षामंत्री ने हेगसेथ को बताया कि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण करने का इतिहास रहा है।
यह पहली बार था जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम लिया, क्योंकि इससे पहले आतंकवादी हमले के बाद न तो पीएम मोदी और न ही विदेश मंत्री जयशंकर ने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान का नाम लिया था।
उन्होंने आगे कहा कि "वैश्विक समुदाय के लिए आतंकवाद के ऐसे जघन्य कृत्यों की स्पष्ट और स्पष्ट रूप से निंदा करना और उन्हें उजागर करना महत्वपूर्ण है।"
यह कूटनीतिक पहल पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़े तनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिसमें 26 पर्यटकों की अकारण जान चली गई थी।
S.Jaishankar  - Sputnik भारत, 1920, 01.05.2025
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