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भारत और श्रीलंका ने हिंद महासागर में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर की चर्चा
भारत और श्रीलंका ने हिंद महासागर में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर की चर्चा
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भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार को अपनी यात्रा के पहले दिन श्रीलंकाई रक्षा अधिकारियों और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत की।
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त्रिपाठी ने श्रीलंका के रक्षा उप मंत्री मेजर जनरल केपी अरुणा जयशेखर, रक्षा सचिव एयर वाइस मार्शल संपत थुयाकोन्था (सेवानिवृत्त), श्रीलंकाई नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कंचना बनगोडा, देश के वायु सेना कमांडर एयर मार्शल वीबी एदिरिसिंघे और श्रीलंकाई सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो से मुलाकात की।भारत द्वारा जारी बया में कहा गया है कि वार्ता का फोकस रक्षा सहयोग का विस्तार करना और तीनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ावा देना है।इसमें कहा गया है कि इन बैठकों ने सैन्य-से-सैन्य संबंधों को मजबूत करने, क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अधिक समन्वय को बढ़ावा देने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।श्रीलंकाई बयान में कहा गया कि उन्होंने आपसी हित के मुद्दों पर भी चर्चा की।इससे पहले, औपचारिक वार्ता से पूर्व में एडमिरल त्रिपाठी को श्रीलंका नौसेना मुख्यालय में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि त्रिपाठी ने सोमवार को कोलंबो में भारतीय शांति सेना (IPKF) स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।भारतीय नौसेना ने कहा कि यह स्मारक दोनों देशों के बीच "साझा इतिहास" को दर्शाता है और यह उन भारतीय शांति सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि है जिन्होंने आईपीकेएफ अभियानों के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।इसमें कहा गया कि पुष्पांजलि अर्पित करने से शांति बनाए रखने, क्षेत्रीय सद्भाव को बढ़ावा देने तथा श्रीलंका और व्यापक हिंद महासागर क्षेत्र के साथ मैत्री की भावना को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता रेखांकित हुई।
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भारत और श्रीलंका ने हिंद महासागर में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर की चर्चा
भारत के नौसेना प्रमुख (CNS) ने सोमवार को कोलंबो में श्रीलंकाई नौसेना प्रमुख के साथ बैठक के साथ अपनी चार दिवसीय श्रीलंका यात्रा की शुरुआत की।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया, "भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार को अपनी यात्रा के पहले दिन श्रीलंकाई रक्षा अधिकारियों और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत की।"
त्रिपाठी ने श्रीलंका के रक्षा उप मंत्री मेजर जनरल केपी अरुणा जयशेखर, रक्षा सचिव एयर वाइस मार्शल संपत थुयाकोन्था (सेवानिवृत्त), श्रीलंकाई नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कंचना बनगोडा, देश के वायु सेना कमांडर एयर मार्शल वीबी एदिरिसिंघे और श्रीलंकाई सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो से मुलाकात की।
भारत द्वारा जारी बया में कहा गया है कि वार्ता का फोकस
रक्षा सहयोग का विस्तार करना और तीनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ावा देना है।
इसमें कहा गया है कि भारतीय नौसेना प्रमुख और श्रीलंकाई सैन्य अधिकारियों के बीच चर्चा के मुख्य मुद्दे नौसेना सहयोग को मजबूत करना, समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना तथा संयुक्त प्रशिक्षण और परिचालन तालमेल के अवसरों की खोज करना है।
इसमें कहा गया है कि इन बैठकों ने
सैन्य-से-सैन्य संबंधों को मजबूत करने, क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अधिक समन्वय को बढ़ावा देने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
कोलंबो स्थित नौसेना मुख्यालय में नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल कंचना बनगोडा और उनके भारतीय समकक्ष के बीच हुई बैठक पर श्रीलंकाई नौसेना की प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की गई कि वार्ता का फोकस लंबे समय से चले आ रहे नौसेना-से-नौसेना संबंधों को मजबूत करके हिंद महासागर क्षेत्र में साझेदारी का विस्तार करने पर था।
श्रीलंकाई बयान में कहा गया कि उन्होंने आपसी हित के मुद्दों पर भी चर्चा की।
इसमें कहा गया है, "भारतीय नौसेना प्रमुख की यात्रा ने नौसैनिक सहयोग को मजबूत करने, समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता के समर्थन में सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।"
इससे पहले, औपचारिक वार्ता से पूर्व में एडमिरल त्रिपाठी को श्रीलंका नौसेना मुख्यालय में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि त्रिपाठी ने सोमवार को
कोलंबो में भारतीय शांति सेना (IPKF) स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
भारतीय नौसेना ने कहा कि यह स्मारक दोनों देशों के बीच "साझा इतिहास" को दर्शाता है और यह उन भारतीय शांति सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि है जिन्होंने आईपीकेएफ अभियानों के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इसमें कहा गया कि पुष्पांजलि अर्पित करने से शांति बनाए रखने, क्षेत्रीय सद्भाव को बढ़ावा देने तथा श्रीलंका और व्यापक
हिंद महासागर क्षेत्र के साथ मैत्री की भावना को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता रेखांकित हुई।