अनाज सौदा: यह क्यों और कब शुरू हुआ और क्या होगा इसका भविष्य?
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण वैश्विक खाद्य सुरक्षा का मुद्दा और गंभीर हो गया है।
Sputnikसंयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूस और यूक्रेन वैश्विक उत्पादन और खाद्य आपूर्ति में महत्वपूर्ण जगह रखते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रूस गेहूँ का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जबकि यूक्रेन मुख्य निर्यातकों में से पाँचवीं जगह रखता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जौ की वैश्विक आपूर्ति में दोनों देशों की साझी हिस्सेदारी 19% की,
गेहूँ 14% की, मक्के 4% की है, और इस प्रकार वे दुनिया के अनाज निर्यात के एक तिहाई से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं। रूस और यूक्रेन रेपसीड तेल की आपूर्ति में वैश्विक अग्रणी हैं, बाज़ार में सूरजमुखी की तेल की आपूर्ति का उनका हिस्सा 52% का है। खनिज उर्वरकों के अत्यधिक संकेंद्रित वैश्विक बाजार में भी रूस अग्रणी जगह रखता है।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार, मार्च, 2022 में वैश्विक खाद्य कीमतों में 12.6% की बढ़ोतरी हुई और कम से कम सन 1990 से अभिलेख के स्तर पर पहुँच गई।
समस्या की जड़ क्या है?
विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत से पश्चिम ने रूस पर वैश्विक बाज़ारों में यूक्रेनी अनाज की आपूर्ति का प्रतिकार करने का आरोप लगाया, मॉस्को ने उन आरोपों से तेज़ी से इनकार किया। उसी समय कीव अधिकारियों ने अनाज के निर्यात करने के लिए कई बाधाएँ खुद बनाईं। उदाहरण के लिए उन्होंने मारियुपोल बंदरगाह में अनाज की आगजनी की और यूक्रेनी सैनिकों ने काला सागर में बम तैनात किए, जिससे जहाजों द्वारा विश्व बाज़ारों में अनाज का परिवहन नहीं किया जा सका।
"रूस यूक्रेन से अनाज के निर्यात में हस्तक्षेप नहीं करता है, और अगर कीव बमों से बंदरगाहों को साफ़ कर देगा, तो अनाज वाले जहाज़ किसी समस्या के बिना निकल सकेंगे," रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा
1 मई, 2022 को जर्मनी में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के निदेशक मार्टिन फ्रिक ने कहा कि यूक्रेनी बंदरगाहों में लगभग 0.45 करोड़ टन अनाज अवरुद्ध था। बदले में अनाज और उर्वरकों के रूसी निर्यातकों को बंदरगाहों में सेवा पूरी करने से इनकार, आपूर्ति और बीमा के लिए भुगतान जैसे बाधाओं का सामना करना पड़ा।
मई, 2022 के मध्य में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाज वाले जहाज़ों कोे जाने देने के बदले रूसी उर्वरकों के आपूर्तिकर्ताओं पर लगाए प्रतिबंधों में ढील देने का प्रस्ताव रखा। अनाज मुद्दे को हल करने की संयुक्त राष्ट्र की योजना के अनुसार अनाज से भरे जहाज़ों की वापसी के लिए काला सागर तट को बमों से साफ़ करना भी था।
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को चीन और तुर्की ने समर्थन दिया। तुर्की अधिकारियों ने यूक्रेनी अनाज के परिवहन के लिए एक सुरक्षित गलियारा प्रदान करने के लिए अपनी तत्परता की घोषणा की। 30 मई को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के नेता रेसेप तईप एर्दोगन से टेलीफोन पर बातचीत में कहा कि रूसी पक्ष मास्को से
प्रतिबंध हटने की शर्त पर उर्वरक और भोजन निर्यात करने के लिए तैयार है।
खाद्य संकट को रद्द करने का समाधान पाया गया
13 जुलाई, 2022 को इस्तांबुल (
तुर्की) में प्रेस के बिना अनाज मुद्दे के समाधान पर तुर्की, रूस, यूक्रेन के सैन्य प्रतिनिधिमंडलों और संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल की पहली बैठक हुई।
इसी वर्ष 22 जुलाई को इस्तांबुल में रूस, यूक्रेन, तुर्की और संयुक्त राष्ट्र ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे "अनाज सौदा" कहा गया। यह एक पैकेज समझौता है जिसमें दो दस्तावेज़ सम्मिलित हैं - "वैश्विक बाज़ारों में रूसी खाद्य उत्पादों और उर्वरकों को बढ़ावा देने की सुविधा पर रूस और संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के बीच समझौता ज्ञापन" और "यूक्रेनी बंदरगाहों से अनाज और खाद्य उत्पादों के सुरक्षित परिवहन की पहलें"।
दस्तावेज़ तीन सालों वैध है।
1 अगस्त, 2022 को सिएरा लियोन के झंडे के नीचे RAZONI नामक यूक्रेनी अनाज वाला पहला सूखा मालवाहक जहाज़ ओडेसा के बंदरगाह से रवाना हुआ। 18 नवंबर, 2022 को (अनाज सौदे के पहले 120 दिनों की समाप्ति के दिन) रूस ने मुख्य रूप से अफ़्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे गरीब देशों को 1.5 करोड़ टन से अधिक अनाज का निर्यात किया था।
अनाज व्यापार के भाग के रूप में यूक्रेन के बंदरगाहों से 1.1 करोड़ टन भोजन का निर्यात किया गया था। लेकिन रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार इनमें से 51% आपूर्ति विकसित देशों में गया था और केवल 3% उन राज्यों में जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सबसे गरीब कहता है। सन 2022 में अक्टूबर के अंत तक लगभग 70 जहाज़ों को व्यवस्थित उल्लंघनों और नगद धनराशि की तस्करी के प्रयासों के कारण हिरासत में लिया गया या निलंबित कर दिया गया।
अगस्त, 2022 के अंत में ही मास्को ने सौदे की प्रगति पर अपनी चिड़चिड़ाहट व्यक्त करना शुरू कर दिया। अनाज और उर्वरकों के निर्यात में रूसी शिपिंग पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने के वादे पूरे नहीं हुए: बीमे और बंदरगाहों में सेवा देखभाल पूरी करने की समस्याएँ रहीं; बैंकों ने रूसी अनाज के खरीदारों को ऋण नहीं दिया और बैंक गारंटी देने से इनकार कर दिया। कीव ने अमोनिया के पारगमन पर लगाए गए अवरोध को हटाने से इनकार कर दिया।
सितंबर, 2022 में पूर्वी आर्थिक मंच में रूसी राष्ट्रपति
व्लादिमीर पुतिन ने अनाज सौदे पर समझौतों के क्रियान्वयन पर असंतोष व्यक्त किया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन से विकासशील देशों तक न पहुँचने वाले अनाज की स्थिति में पश्चिम केवल अपने हितों के बारे में सोचता है।
"हमने यूक्रेनी अनाज सहित उनके बाज़ारों पर खाद्य आपूर्ति को लेकर विकासशील देशों के हितों को सुनिश्चित करने में कसर न छोड़ने का वादा किया। और जब इस पर चर्चा हुई तो हर कोई इसके बारे में बात कर रहा था। जो हम देख रहे हैं, वह एक और स्पष्ट धोखा है। और यह हमारा दोष नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा है, अफ़्रीका और अन्य देशों के साझेदारों को धोखा है, जिन्हें भोजन की सख्त जरूरत है," पुतिन ने कहा। उन्होंने पश्चिमी देशों के इस तरह के व्यवहार को "धोखाधड़ी" कहा।
यूक्रेन अनाज निर्यात करने के लिए बाधाएँ करता है
29 अक्टूबर, 2022 को कीव शासन ने काला सागर बेड़े के जहाज़ों और नागरिक जहाजों पर आतंकवादी हमला किया, जो
सेवस्तोपोल के आंतरिक और बाहरी बंदरगाह क्षेत्र में स्थित थे। रूस ने अनाज सौदे में अपनी भागीदारी निलंबित कर दी। 2 नवंबर को यूक्रेन द्वारा पर्याप्त गारंटी प्रदान करने के बाद मास्को ने खाद्य सौदे में भागीदारी फिर से शुरू कर दी, जिनके अनुसार काला सागर और यूक्रेनी बंदरगाहों में अनाज गलियारे का उपयोग रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों के लिए नहीं किया जाएगा।
18 नवंबर, 2022 को समझौता समाप्त हो गया। "अनाज सौदे" में भाग लेने वालों ने उसे और 120 दिनों तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इस प्रकार
सौदा 18 मार्च 2023 को समाप्त होने वाला था।
13 मार्च को अनाज सौदे को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों पर अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स और UNCTAD महासचिव रेबेका ग्रीनस्पैन के साथ परामर्श किया। वार्ता के बाद वर्शिनिन ने कहा कि रूस को 18 मार्च को दूसरे कार्यकाल की समाप्ति के बाद
काला सागर पहल का एक बार और विस्तार करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केवल 60 दिनों तक। 14 मार्च को रूस के उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को ने अनाज सौदे को 60 दिनों के लिए बढ़ाए जाने की पुष्टि की।
कीव ने 60 दिनों के लिए सौदे के विस्तार को खारिज कर दिया: जैसा कि यूक्रेन के आधारिक संरचनाओं के मंत्री ऑलेक्ज़ेडर कुब्राकोव ने कहा, काला सागर पहल को 60 दिनों तक विस्तारित करना समझौते का खंडन करता है, और रूस के प्रतिनिधियों के विपरीत उन्होंने कहा कि यह सौदा 120 दिनों के लिए बढ़ाया गया था।
उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने कहा कि समझौते को केवल 60 दिनों के लिए बढ़ाने का कारण यह है कि कृषि उत्पादों के क्षेत्र में रूस पर लगे गए प्रतिबंधों में ढील से संबंधित पैकेज समझौते पुरे नहीं किए गए। वर्शिनिन ने कहा, "वाशिंगटन, ब्रुसेल्स और लंदन द्वारा घोषित खाद्य और उर्वरक पर लगे प्रतिबंधों में ढील वास्तव में काम नहीं करती है।"
इसके अलावा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अवधि पर्याप्त है ताकि शब्दों में नहीं, बल्कि कार्यों में भी रूस और संयुक्त राष्ट्र के बीच ज्ञापन में लिखे गए प्रावधान अमल में लाए जाएँ।
अनाज सौदे के कार्यान्वयन के लिए रूसी शर्तें
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कैवुसोग्लू ने भी रूसी उर्वरकों की आपूर्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था।
"हमने अनाज सौदे के कार्यान्वयन पर चर्चा की। समझौते का निरंतर कार्यान्वयन न केवल रूस और यूक्रेन से अनाज और उर्वरकों की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक खाद्य संकट के परिणामों को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है,'' कैवुसोग्लू ने लावरोव से बातचीत के बाद अप्रैल में पत्रकार सम्मेलन पर कहा।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाँच "प्रणालीगत" समस्याओं को हल करने में प्रगति के बिना 18 मई के बाद "काला सागर पहल" को बढ़ाने की कोई बात नहीं की जा सकती। उन समस्याओं में से Russian Agricultural Bank का
SWIFT से पुनर्संयोजन; कृषि मशीनरी और स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति और सेवा देखभाल फिर से शुरू करना; बंदरगाहों तक पहुँच, बीमे और पुनर्बीमे पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना; अमोनिया पाइपलाइन "टॉलियाटी-ओडेसा" की कार्रवाई को बहाल करना; कृषि उत्पादों के उत्पादन और परिवहन से जुड़ी रूसी कंपनियों के विदेशी खातों को खोलना।
यूक्रेन ने अनाज सौदे के कार्यान्वयन में फिर से हस्तक्षेप किया है
7 जून को रूसी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि यूक्रेनी तोड़फोड़ समूह ने 5 जून की शाम को खार्किव क्षेत्र में
"टॉलियाटी-ओडेसा" अमोनिया पाइपलाइन को उड़ा दिया। अमोनिया पाइपलाइन के रूसी खंड का संचालक पीजेएससी ट्रांसअमियाक की प्रेस सेवा ने कहा कि रूसी खंड यूक्रेनी हिस्से से कट गया था, वह निरंतर निगरानी के तहत है और पूरी तरह से काम कर सकता है। रूस के राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अमोनिया पाइपलाइन "टॉलियाटी-ओडेसा" में विस्फोट के कारण अनाज के सौदे को बढ़ाने संबंधी स्थिति अत्यंत जटिल बन गई है।
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र से बातचीत के बाद रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने कहा कि कीव शासन के आतंकवादी कृत्य के बाद "टॉलियाटी-ओडेसा" अमोनिया पाइपलाइन की बहाली और टॉलियाटी से यूक्रेनी बंदरगाहों तक अमोनिया का निर्यात करने की संभावना लंबे समय तक स्थगित कर दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस आतंकवादी हमले से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के अमोनिया पाइपलाइन शुरू करने के विचारों और पहलों को अघात लगा है।
रूसी विदेश मंत्रालय के एक प्रतिनिधि के अनुसार इस्तांबुल अनाज समझौते को आगे बढ़ाने या न बढ़ाने का निर्णय रूस के हितों के आधार पर ही किया जाएगा।
अनाज उन देशों को नहीं मिलता जिनके लिए वह अभिप्रेत था
13 जून को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध संवाददाताओं के साथ एक बैठक पर कहा कि रूस अनाज सौदे से निकलने के बारे में सोच रहा था, खासकर जब से यूक्रेन गलियारे का उपयोग ड्रोन हमले करने के लिए करता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अनाज समझौते के बारे में बोलते हुए कहा कि रूस यह यूक्रेन के लिए नहीं, बल्कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के मित्र देशों के लिए ही कर रहा है। 10 जुलाई 2023 तक काला सागर अनाज पहल के हिस्से के रूप में अनाज और खाद्य निर्यात की कुल मात्रा 3.28 करोड़ टन थी।
अनाज का लगभग आधा (1.68 करोड़ टन) माल मक्का था, गेहूं का हिस्सा 0.89 करोड़ टन का था। सूरजमुखी के बीजों का अवशेष 0.19 करोड़ टन, सूरजमुखी तेल 0.17 करोड़ टन, जौ 0.13 करोड़ टन, रेपसीड 985.6 हजार टन, सोयाबीन 802.2 हजार टन का भी निर्यात किया गया। संयुक्त राष्ट्र के आँकड़ों के अनुसार, कुल आपूर्ति के आधे से आधिक वस्तु पाँच देशों द्वारा प्राप्त की गई: चीन (8 लाख टन), स्पेन (0.6 करोड़ टन), तुर्की (0.32 करोड़ टन), इटली (0.21 करोड़ टन) और नीदरलैंड (0.19 करोड़ टन)।
रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि 80 प्रतिशत से अधिक अनाज उच्च और उच्च-मध्यम आय वाले देशों को भेजा गया था। सबसे गरीब देशों (इथियोपिया, यमन, अफगानिस्तान, सूडान और सोमालिया) को केवल 862,086 टन या 2.6 प्रतिशत कार्गो प्राप्त हुआ।
अप्रैल में, रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि मार्च 2022 के बाद से विश्व खाद्य कीमतों में 18.6% की गिरावट हुई है,
गेहूं की कीमतें कई उपभोक्ताओं के लिए ऊंची और अप्राप्य रहती हैं। इसका एक कारण यह है कि यूक्रेनी निर्यात का 70% हिस्सा चारा मक्का और चारा फसलें हैं। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार इस समस्या का समाधान रूसी अनाज (70% गेहूं) और उर्वरकों की आपूर्ति सामान्य होने से होगा। लेकिन सबसे गरीब देशों को अपने उर्वरकों को मुफ़्त में देते हुए हमें कई बाधाओं और देरी का सामना करना पड़ता है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के अनुसार जब विशेष सैन्य अभियान शुरू हुआ, तो यूरोपीय संघ के बंदरगाहों में लगभग 300,000 टन उर्वरक जब्त किए गए। अगस्त 2022 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि हम विकासशील देशों को ये उर्वरक मुफ्त में देने वाले हैं। सितंबर 2022 से केवल दो बैच भेजे गए हैं: मलावी को 20,000 टन और केन्या को 34,000 टन।
अनाज सौदे को बढ़ाने की संभावना कैसी है?
4 जुलाई 2023 को रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि काला सागर पहल को आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं था, जो 17 जुलाई को समाप्त हो रहा है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि "रूसी पक्ष प्रक्रिया के नियमों के अनुसार सख्ती से आवश्यक प्रयास कर रहा है ताकि इसमें भाग लेने वाले सभी जहाज अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें और इसकी वैधता समाप्त होने से पहले काला सागर छोड़ सकें।"