केंद्र सरकार सेना में महिलाओं के प्रतिनिधितव को बढ़ावा देने में बहुत आगे रही है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जहां पहले केवल लड़के ट्रैनिंग किया करते थे, अब वहां जुलाई 2022 से महिला उमीदवार भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
4 अगस्त को लोकसभा के समक्ष रखे गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार तीनों सेनाओं में कुल 11,414 महिला कर्मी सेवारत हैं, जिनमें से भारतीय सेना में सबसे अधिक 7,054 हैं। कुल संख्या में अधिकारी, अन्य रैंक के अधिकारी, साथ ही चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग सेवाओं के लोग भी शामिल हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना दिवस के मौके पर अपने भाषण में कहा था कि सरकार सशस्त्र बलों में महिलाओं की ताकत बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय महिलाओं ने रक्षा बलों में वीरता पुरस्कार प्राप्त करने से लेकर लड़ाकू इकाई में प्रमुख भूमिका निभाने तक 2023 में सफलता हासिल की।
Sputnik भारत बताने जा रहा है कि कौन सी वें महिलाएं हैं जिन्होंने इस वर्ष सेना के इतिहास में अपनी जगह बनाई।
लेफ्टिनेंट महक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव, लेफ्टिनेंट पवित्र मुदगिल, और लेफ्टिनेंट आकांक्षा
किसी भी सेना के लिए तोपखाना सबसे जरूरी यूनिट्स में से एक माना जाता है। आर्टिलरी रेजिमेंट भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी शाखा है। इस रेजीमेंट में शामिल मिसाइल, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर और मानव रहित हवाई वाहन वास्तव में इसे 'निर्णय का हथियार' बनाती है।
इन सभी पांचों असाधारण महिलाओं ने भारत के तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में अपना प्रशिक्षण पूरा किया, जिसके बाद इन पांचों को सेना के सबसे विशिष्ट तोपखाने यूनिट्स में शामिल किया गयाा।
इन महिलाओं ने तोपखाने बल में शामिल होने के साथ इतिहास कायम कर दिया। लेफ्टिनेंट महक सैनी को SATA रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे और लेफ्टिनेंट अदिति यादव को फील्ड रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट पवित्र मुदगिल को मीडियम रेजिमेंट में और लेफ्टिनेंट आकांक्षा को रॉकेट रेजिमेंट में नियुक्त किया गया है।
कमांडर प्रेरणा देवस्थली
भारतीय नौसेना में कमांडर के पद पर तैनात प्रेरणा देओस्थली जल्द ही इतिहास रचने को तैयार है। वह जल्द ही भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े की कमान संभालने जा रही है।
वर्तमान में कमांडर प्रेरणा युद्धपोत आईएनएस चेन्नई में प्रथम लेफ्टिनेंट के रूप में काम कर रही हैं, कमांडर देवस्थली की तैनाती एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्शाती है।
स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी
वह जनवरी महीने में विदेश में हवाई युद्ध खेल में हिस्सा लेने वाली भारतीय वायु सेना (IAF) की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं।
Su-30MKI पायलट चतुर्वेदी IAF दल का हिस्सा थीं जिसने 12 से 26 जनवरी तक हयाकुरी के जापानी एयरबेस पर जापान एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JASDF) के साथ 16 दिवसीय मेगा एयर कॉम्बैट अभ्यास में भाग लिया।
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी
ग्रुप कैप्टन शालिज़ा धामी ने 2023 में देश की पहली महिला वायु सेना अधिकारी बन गई जिन्होंने फ्रंटलाइन लड़ाकू यूनिट की कमान संभाली।
ग्रुप कैप्टन शालिज़ा धामी को पश्चिमी क्षेत्र में मिसाइल स्क्वाड्रन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। वह वायु सेना में फ्लाइंग यूनिट के फ्लाइट कमांडर के पद पर पदोन्नत होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।
उन्हें पश्चिमी क्षेत्र में मिसाइल स्क्वाड्रन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था। वह 2019 में वायु सेना में एक उड़ान इकाई के भीतर फ्लाइट कमांडर के पद पर पदोन्नत होने वाली पहली महिला अधिकारी भी बनी थी।
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा
महिलाओं ने बड़े बड़े पदों पर पहुंचने के साथ साथ इस साल वीरता पुरुस्कार भी अर्जित किया। विंग कमांडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायु सेना में वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।
राजस्थान की रहने वाली हेलीकॉप्टर पायलट विंग कमांडर मिश्रा को मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ राहत अभियान के दौरान असाधारण साहस का प्रदर्शन करने के लिए वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया।
कैप्टन शिवा चौहान
फायर एंड फ्यूरी कोर की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।
कैप्टन शिवा को जनवरी 2023 में तीन महीने के कार्यकाल के लिए सियाचिन में लगभग 15,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया था।
चौहान को अपनी तैनाती से पहले भारतीय सेना के अन्य अधिकारियों के साथ सियाचिन बैटल स्कूल में एक महीने के कठोर प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा था।