उन्होनें कहा, "दुनिया की सभी अग्रणी सेनाओं में एकीकृत थिएटर कमांड है, विशेषकर हमारी चिंताएं चीन के संदर्भ में हैं। चीन में पहले ही एकीकृत थिएटर कमांड लागू हो चुका है। और 21वीं सदी में ऐसी कोई लड़ाई नहीं है, जो सेना, वायु सेना या नौसेना द्वारा स्वयं अकेले जीती या हारी गई हो, इसलिए सभी लड़ाइयों को एकीकृत लड़ाइयां बनानी होंगी।"
सहगल ने कहा, "जहां तक प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स का सवाल है, इससे सहायता मिलेगी। अब, उदाहरण के लिए, जहां तक वायु रक्षा का संबंध है, हमारे पास थल सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा बराक नामक मिसाइल के संदर्भ में एक ही वायु रक्षा प्रणाली मिली है। तीनों के पास अपना-अपना लॉजिस्टिक्स सेटअप और अपने प्रशिक्षण प्रतिष्ठान हैं। इसलिए एक संयुक्त प्रशिक्षण प्रतिष्ठान होने से बहुत सारे दुर्लभ संसाधनों, प्रशिक्षक, स्थापना लागत को बचाया जा सकेगा।"
सहगल ने कहा, "जब थिएटर कमांड एकीकृत हो जाएगा, तो सभी तीन कमांड एक ही स्थान पर सह-स्थित हो जाएंगे। इसमें एक सेवा से दूसरी सेवा में काम कर चुके अधिकारी होंगे। वर्तमान में, सभी सेवाओं यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना की अपनी-अपनी खुफिया शाखाएं हैं। तीनों का एकीकृत होना अलग होने की तुलना में कहीं अधिक मजबूत होगा। यह एक-दूसरे को मजबूत करेगा और भारतीय रक्षा क्षमता को एक बार फिर बड़े स्तर पर मजबूत करेगा। स्पष्ट है, इससे कौशल संसाधनों, क्षमताओं, प्रशिक्षण को बढ़ावा मिलेगा।"