डिफेंस
भारतीय सेना, इसके देशी और विदेशी भागीदारों और प्रतिद्वन्द्वियों की गरमा गरम खबरें।

ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन बनने से भारतीय रक्षा क्षमताओं को मिलेगी मजबूती

© AP Photo / Manish SwarupArmoured division of Indian army marches through the ceremonial Rajpath boulevard during India's Republic Day celebrations, in New Delhi, India, Wednesday, Jan. 26, 2022.
Armoured division of Indian army marches through the ceremonial Rajpath boulevard during India's Republic Day celebrations, in New Delhi, India, Wednesday, Jan. 26, 2022.  - Sputnik भारत, 1920, 07.04.2024
सब्सक्राइब करें
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सशस्त्र बल मुंबई में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए देश का पहला ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन बनाने की योजना बना रहे हैं। इसका उद्देश्य एकीकृत थिएटर कमांड के निर्माण से पहले तीनों सेवाओं के मध्य संयुक्तता स्थापित करना है।
अधिकारियों के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कहा कि ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन बनाए जाने को लेकर शीर्ष सैन्य नेतृत्व में चर्चा चल रही है और जल्द ही निर्णय लिए जाने की संभावना है।
वर्तमान में, भारत में कोई सामान्य रक्षा स्टेशन नहीं है। अंडमान और निकोबार कमांड एक पूर्ण कमांड है, जिसे 2001 में त्रि-सेवा कमांड के रूप में स्थापित किया गया था। सेवाओं के बीच संयुक्तता लाने के अन्य प्रयास के अंतर्गत अंतर-सेवा पोस्टिंग पिछले वर्ष लाई गई थी।
इस बीच रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) पी. के. सहगल ने Sputnik India को बताया कि "वर्तमान में, भारत की सशस्त्र सेनाओं के भीतर कोई एकीकृत थिएटर कमांड नहीं है [...]। यह एकीकृत थिएटर कमांड संबंधित भारतीय सशस्त्र बलों की आधिकारिक तैयारियों के संबंध में एक स्वतंत्र परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।"

उन्होनें कहा, "दुनिया की सभी अग्रणी सेनाओं में एकीकृत थिएटर कमांड है, विशेषकर हमारी चिंताएं चीन के संदर्भ में हैं। चीन में पहले ही एकीकृत थिएटर कमांड लागू हो चुका है। और 21वीं सदी में ऐसी कोई लड़ाई नहीं है, जो सेना, वायु सेना या नौसेना द्वारा स्वयं अकेले जीती या हारी गई हो, इसलिए सभी लड़ाइयों को एकीकृत लड़ाइयां बनानी होंगी।"

दरअसल, एक सामान्य रक्षा स्टेशन का अर्थ होगा कि थल सेना, नौसेना, वायु सेना की सभी सुविधाओं को संयोजित किया जाएगा, जिसमें रसद, बुनियादी ढांचे, मरम्मत और रखरखाव के साथ-साथ भंडारण और आपूर्ति भी समाहित है ताकि उन्हें अनुकूलित किया जा सके।

सहगल ने कहा, "जहां तक प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स का सवाल है, इससे सहायता मिलेगी। अब, उदाहरण के लिए, जहां तक वायु रक्षा का संबंध है, हमारे पास थल सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा बराक नामक मिसाइल के संदर्भ में एक ही वायु रक्षा प्रणाली मिली है। तीनों के पास अपना-अपना लॉजिस्टिक्स सेटअप और अपने प्रशिक्षण प्रतिष्ठान हैं। इसलिए एक संयुक्त प्रशिक्षण प्रतिष्ठान होने से बहुत सारे दुर्लभ संसाधनों, प्रशिक्षक, स्थापना लागत को बचाया जा सकेगा।"

वर्तमान में, तीनों सेवाओं के विंग मुंबई और उसके उपनगरों में फैले हुए हैं और अलग-अलग संचालित होते हैं। योजना के अंतर्गत लॉजिस्टिक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशासन को एक साझा श्रृंखला के तहत लाया जाएगा।

सहगल ने कहा, "जब थिएटर कमांड एकीकृत हो जाएगा, तो सभी तीन कमांड एक ही स्थान पर सह-स्थित हो जाएंगे। इसमें एक सेवा से दूसरी सेवा में काम कर चुके अधिकारी होंगे। वर्तमान में, सभी सेवाओं यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना की अपनी-अपनी खुफिया शाखाएं हैं। तीनों का एकीकृत होना अलग होने की तुलना में कहीं अधिक मजबूत होगा। यह एक-दूसरे को मजबूत करेगा और भारतीय रक्षा क्षमता को एक बार फिर बड़े स्तर पर मजबूत करेगा। स्पष्ट है, इससे कौशल संसाधनों, क्षमताओं, प्रशिक्षण को बढ़ावा मिलेगा।"

ज्ञात है कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच भारत अपनी रक्षा तैयारियों को आधुनिक बनाने के साथ-साथ समयानुसार उन्नत करने में जुटी है ताकि किसी भी बाह्य और आंतरिक सुरक्षा खतरे को अप्रभावी कर सके।
India successfully testfires Agni Prime new generation missile off Odisha Coast - Sputnik भारत, 1920, 04.04.2024
डिफेंस
भारत ने परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम अग्नि-प्राइम मिसाइल का किया सफल परीक्षण
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала