नचिकेता राव ने याद करते हुए बताया, "27 मई 1999 में मुझे जब बंदी बनाया गया तब जीवन में आशावादी होने के बावजूद उस समय मुझे लगा कि मेरा भारत वापस आना बहुत मुश्किल है क्योंकि 1971 भारत पाकिस्तान जंग के कई युद्ध बंदी अब भी पाकिस्तान की कैद में थे। भारतीय वायु सेना ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया। इसके साथ साथ पाकिस्तान में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थोड़े रक्षात्मक हो गए थे। इसके अलावा इस समय तक सीमा पर कई जगहों को हमने जीत लिया था, और इस तरह मैं 3 जून को अपने देश वापस लौट सका।"
नचिकेता ने कहा, "मैं पाकिस्तान से वापस आया तो मेरे मेडिकल के बाद पता चला कि मैं अब लड़ाकू विमान नहीं चला सकता हूँ जिसकी वजह से मुझे परिवहन विमान में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके अलावा मुझे मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ा जो समय के साथ ठीक हुई। मुझे वायुसेना, मेरी 9वीं स्क्वाड्रन और मेरे परिवार और देश के लोगों से बहुत सहयोग मिला, जिससे मुझे सामान्य होने में बहुत मदद मिली। और करीब 4 साल बाद मैं वापस कॉकपिट में पहुंच गया।"
नचिकेता ने वायु सेना की आधुनिकता पर कहा, "सेना के तीनों विंग तकनीक पर निर्भर रहते हैं लेकिन वायु सेना तकनीकी पर सबसे अधिक निर्भर है क्योंकि वायु सेना के सभी ऑपरेशन लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों या ड्रोन के जरिए किए जाते हैं। पिछले 25 सालों के बाद अब हमारे पास बहुत अच्छी गुणवत्ता के ड्रोन हैं जो सीमा के आस पास निगरानी का काम कर रहे हैं। इसके अलावा लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर,परिवहन विमानों को बदला जा चुका है, और हमारा LCA बहुत अच्छा काम कर रहा है। अगर रडार, सेंसर की बात करें तो हम काफी आगे हैं।"