तलवार क्लास के तीसरे बैच का दूसरा युद्धपोत तमाल अगले तीन महीने में भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार होगा, एडमिरल त्रिपाठी ने कहा। इस बैच का पहला युद्धपोत तुशील नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है और इस समारोह के लिए भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस जाने वाले हैं।
भारतीय नौसेना खुद को बहुत तेज़ी से आधुनिक बना रही है और इनमें से दो को छोड़कर बाकी सभी युद्धपोत या सबमरीन भारत में ही बन रहे हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा कि 61 युद्धपोत और एक सबमरीन इस समय अलग-अलग शिपयार्ड में निर्माणाधीन हैं। अगले 31 युद्धपोतों के लिए सरकार से मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने कहा, "पहली बार स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित दो न्यूक्लियर शक्ति से चलने वाली (SSN) सबमरीन के लिए सरकार ने मंज़ूरी दे दी है। इनमें से पहली के 2036-37 तक नौसेना में शामिल होने की संभावना है। न्यूक्लियर शक्ति से चलने वाली और बैलेस्टिक मिसाइलों से लैस (SSBN) अरिघात के शामिल होने से भारतीय नौसेना के न्यूक्लियर ट्रायड की तीसरा चरण पूरा हो गया है।"
भारतीय नौसेना के लिए मुंबई के मझगांव डाकयार्ड में बन रही कलवरी क्लास की छठवीं और अंतिम सबमरीन वागशीर इस महीने नौसेना में शामिल हो जाएगी। इस क्लास की तीन और सबमरीन के निर्माण के लिए होने वाले सौदे पर अगले महीने हस्ताक्षर हो जाएंगे। इनका भी निर्माण मझगांव डाकयार्ड में ही होगा। इसी क्लास की ज्यादा आधुनिक 6 नई सबमरीन के सौदे पर चर्चा अंतिम चरण में है।
विमान वाहक पोत INS विक्रमादित्य की कोचीन शिपयार्ड में मरम्मत के लिए सौदे की घोषणा हो गई है और यह युद्धपोत नई क्षमताओं के साथ वापस नौसेना में लौटेगा। INS विक्रमादित्य को 2013 में रूस में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।