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रूस ने कैसे अमेरिका से भारत को 1971 युद्ध में बचाया?

© AP PhotoIndian troops firing across the river at Pakistani position a few hours before the Pakistani surrender in December 1971.
Indian troops firing across the river at Pakistani position a few hours before the Pakistani surrender in December 1971. - Sputnik भारत, 1920, 16.12.2023
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हर साल भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस के तौर पर मनाता है,यह दिन 1971 के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर बड़ी जीत की याद दिलाता है। इस दिन सभी देश वासी उन बहादुर सैनिकों को याद करते हैं, जिन्होंने उस 13 दिन के युद्ध के दौरांन अपनी जान लगा दी।
16 दिसंबर 1971 के ऐतिहासिक दिन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी की संयुक्त सेना के सामने अपने 93000 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था। यह आत्मसमर्पण अपने आप में बहुत खास था क्योंकि यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य समर्पण भी था।
आजादी के बाद भारत को दो हिस्सों में बाँट दिया गया था। जहां भारत एक हिसा था वहीं पाकिस्तान दो हिस्सों में बंटा, जिसमें एक पश्चिमी और दूसरा पूर्वी पकिस्तान था। भारत पाकिस्तान के बीच लड़ा गया यह युद्ध इस्लामाबाद सरकार के विरुद्ध पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह से शुरू हुआ। क्योंकि, पाकिस्तानी सेना ने बहुसंख्यक पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर बेहिसाब अत्याचार किए, जिसकी वजह से लाखों की सख्या में लोग शरण के लिए भारत में आ गए।
पाकिस्तान द्वारा 3 दिसंबर 1971 को भारतीय हवाई अड्डों पर किए गए हमलों के बाद यह युद्ध आधिकारिक तौर पर शुरू हुआ। इस युद्ध में 3,800 से अधिक भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई, अगस्त 1972 के शिमला समझौते के तहत भारत ने 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया।
An Indian army helicopter flies past the martyrs column and showers flower petals to pay tribute to war heroes on Victory Day in Kolkata, India, Friday, Dec. 16, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 03.12.2023
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क्या हुआ था 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध में?
इस युद्ध में एक ऐसी घटना भी घटी जो भारत के लिए निर्णायक सिद्ध हुई। इस संघर्ष के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद के लिए अपना जहाजी बेड़ा बंगाल की खड़ी की ओर भेजा लेकिन भारत के सबसे बड़े मित्र राष्ट्र रूस की मदद के बाद अमेरिकी बेड़ा वापस जाने को विवश हो गया और एक नए राष्ट्र बांगलादेश का जन्म हुआ।
Sputnik आज आपको बताने जा रहा है कि रूस ने कैसे भारत की मदद की जिसकी वजह से भारत यह जंग जीतने में कामयाब रहा। भारत में मनाया जाने वाला विजय दिवस बांग्लादेश में 'बिजॉय डिबोस' के रूप में भी मनाया जाता है।
पाकिस्तान का ऑपरेशन चंगेज खान क्या था?
पाकिस्तान ने 3 दिसंबर को ऑपरेशन चंगेज खान लॉन्च किया, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित युद्धविराम के प्रयास शुरू किए। भारत ने 6 दिसंबर को बांग्लादेश को मान्यता दे दी। इसके बाद वाशिंगटन को खुफिया रिपोर्ट मिली कि भारत पश्चिमी पाकिस्तान पर आक्रमण की योजना बना रहा है।
तभी संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण वियतनाम से सातवें बेड़े से बंगाल की खाड़ी में दस-जहाज नौसैनिक टास्क फोर्स, यूएस टास्क फोर्स 74 को भेजा। जिसका नेतृत्व यूएसएस एंटरप्राइज कर रहा था।यह दुनिया का सबसे बड़ा विमान वाहक था।
75,000 टन वजनी एंटरप्राइज़ 70 लड़ाकू विमानों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु-संचालित वाहक था। वही भारतीय नौसेना के पास केवल 20 लड़ाकू विमानों के साथ 20,000 टन वजनी एक आईएनएस विक्रांत था। वहीं, ब्रिटेन ने अपने विमानवाहक पोत एचएमएस ईगल को अरब सागर में भेजा।
1971 युद्ध में रूस ने भारत की कैसे मदद की?
भारत ने हालत को देखते हुए मास्को को भारत-सोवियत सुरक्षा संधि के एक गुप्त प्रावधान को सक्रिय करने का अनुरोध भेजा। इस गट प्रावधान के अंतर्गत रूस को किसी भी बाहरी आक्रमण के मामले में भारत की रक्षा करने थी।
ब्रिटेन और अमेरिकी ताकत का मुकाबला करने के लिए रूस ने 13 दिसंबर को 10वें ऑपरेटिव बैटल ग्रुप (पैसिफिक फ्लीट) के कमांडर एडमिरल व्लादिमीर क्रुग्लाकोव की समग्र कमान के तहत व्लादिवोस्तोक से एक परमाणु-सशस्त्र फ़्लोटिला भेजा।
An Indian army soldier guard near an Indian flag as his colleagues remove weed from the polluted waters of the Dal Lake on World Environment Day in Srinagar, Indian controlled Kashmir, Monday, June 5, 2023.  - Sputnik भारत, 1920, 07.12.2023
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जानें क्यों 7 दिसम्बर को मनाया जाता है सशस्त्र बल झंडा दिवस?
रूसी बेड़े में अच्छी संख्या में परमाणु हथियारबंद जहाज और परमाणु पनडुब्बियाँ शामिल थीं।
जब अमेरिकी और ब्रिटिश वहां पहुंचे तो रूस द्वरा ब्रिटिश वाहक युद्ध समूह के कमांडर, एडमिरल डिमन गॉर्डन से सातवें बेड़े के कमांडर के एक मैसेज को पकड़ा गया जिसमें कहा गया, “सर, हमें बहुत देर हो चुकी है। यहां रूसी परमाणु पनडुब्बियां और युद्धपोतों का एक बड़ा संग्रह है।"
रूस की नियुक्ति को देखकर ब्रिटिश जहाज मेडागास्कर की ओर चले गए जबकि बड़ी अमेरिकी टास्क फोर्स बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करने से पहले ही रुक गई।
सैन्य दृष्टि से 1971 का युद्ध आधुनिक भारत का सबसे बेहतरीन समय माना जाता है। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की त्वरित प्रतिक्रिया और महान सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में लड़ा गया यह युद्ध एक यादगार बन गया।
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