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पाकिस्तान के परमाणु हथियार IAEA की निगरानी में होने चाहिए: श्रीनगर से राजनाथ सिंह

© Photo : X/@rajnathsinghRajnath Singh
Rajnath Singh - Sputnik भारत, 1920, 15.05.2025
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22 अप्रैल के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार द्वारा चलाये गए ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद रक्षा मंत्री पहली बार श्रीनगर आए, जहां उन्होंने सेना के 15 कोर मुख्यालय का दौरा कर जवानों से बातचीत भी की। इस दौरे पर उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान की परमाणु हथियारों को संभालने की क्षमता पर टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी अंतरराष्ट्रीय संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा की जानी चाहिए।
पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की धमकी को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है।

राजनाथ सिंह ने कहा, "पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गई हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूँ कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानी (International Atomic Energy Agency) की निगरानी में होना चाहिए।"

उन्होंने समग्र सुरक्षा परिदृश्य और भारतीय सशस्त्र बलों की युद्ध तत्परता की समीक्षा करने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में की गई पाकिस्तानी बमबारी के अवशेषों का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा की गई, अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है और आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा, "पहलगाम में आतंकवादी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुँचाने का काम किया गया, भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया। उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं। पाकिस्तान के ज़ख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे।"

इसके अलावा राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर कहा कि इस ऑपरेशन की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को यह साफ़-साफ़ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज़ और सुरक्षित न समझें। अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं और दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और वो जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं।

रक्षा मंत्री ने बताया, "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दो-टूक शब्दों में आतंकवाद के खिलाफ़ भारत की नीति को फिर से परिभाषित कर दिया है, हिंदुस्तान की सरजमीं पर किया गया कोई भी आतंकी हमला एक युद्ध का आह्वान माना जाएगा। दोनों देशों में जो समझ अभी बनी है वह इसी बात को लेकर है कि सरहद पार से कोई बेजा हरकत नहीं की जाएगी। अगर की गई तो जो बात निकलेगी वो बहुत दूर तलक जाएगी।"

इससे पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ स्थानों पर 25 मिनट में 24 मिसाइल हमले किए, जिसमें लगभग 100 आतंकवादी मारे गए जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया।
हालांकि पाकिस्तान ने भारत के जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को ड्रोन और मिसाइल हमलों की कई लहरों से निशाना बनाने की कोशिश की जिसे भारत ने विफल कर दिया।
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